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UP Government भी कर रही सामान नागरिक संहिता लागू की तैयारी, जानिए इसके बारे में

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UP Government : यूपी में भी uniform civil code को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश के Deputy CM Keshav Prasad Maurya के बयान पर गौर करें तो कुछ ऐसा ही होता प्रतीत हो रहा है। असल में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले uniform civil code का मुद्दा खूब ज्यादा गर्म हुआ था। Bhartiya Janata Party के मूल Agenda में ये मुद्दा रहा है। ऐसे में उत्तराखंड के CM Pushkar Singh Dhami ने uniform civil code पर committee बनाने की घोषणा की।


UP Government केशव प्रसाद मौर्य ने कहा हर कोई समान नागरिक संहिता की मांग कर रहा


Deputy CM Keshav Prasad Maurya ने यह कहा है कि हर कोई समान नागरिक संहिता की मांग कर रहा है। इसका स्वागत भी कर रहा है। लखनऊ में Media से बात करते हुए उन्होंने यह कहा है कि UP Government भी इस दिशा में विचार कर रही है। हम लोग इसके समर्थन में भी हैं। यह यूपी तथा देश के लोगों के लिए जरूरी है। Deputy CM ने यह भी कहा है कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा भाजपा के प्रमुख वादों में से एक है।

Deputy CM कि इस बयान पर राजनीति गरमानी तो तय है। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। ऐसे में Deputy CM के बयान से यह साफ लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में भी इस दिशा में काम शुरू हो रहा है या फिर होने वाला है।

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Uniform civil code का क्या होता है??


Uniform civil Code का मतलब यह होता है कि समान नागरिक संहिता। भारत में रहने वाले सारे नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू होते हैं। फिर चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या फिर समुदाय से संबंधित ही क्यों ना हो। समान नागरिक संहिता में तलाक, शादी तथा जमीन जायदाद के हिस्से में सारे धर्मों के लिए केवल एक ही कानून लागू किया गया है। इसका सीधा अर्थ यह है कि सभी नागरिकों के लिए एक कानून होगा।

इसका किसी भी और समुदाय से कोई भी संबंध नहीं होगा। इस कोड के अंतर्गत राज्य में निवास करने वाले लोगों के लिए एक समान कानून का भी प्रावधान किया गया है। इससे धर्म के आधार पर ही में ऐसे लोगों को वंचित होना पड़ेगा। हालांकि इसी मामले को लेकर इसके विरोध में भी स्वर उठते रहे हैं।

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Uniform civil code राष्ट्रीय स्तर पर कई बार चर्चा की गई

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राष्ट्रीय स्तर पर uniform civil code कि कई बार चर्चाएं भी की गई है। लेकिन इस दिशा में अभी कोई ठोस प्रयास नहीं हो पाया है। अभी भी केवल एक राज्य में यह कानून लागू है। देश का यह राज्य गोवा है। हालांकि पुर्तगाल शासनकाल के दौरान ही इसको लागू किया गया था। साल 1961 में गोवा सरकार uniforms civil code के साथ ही बनी थी। uniform civil code पर कार्यवाही शुरू करने वाला दूसरा राज्य उत्तराखंड बना है। वहां पर Pushkar Singh Dhami सरकार ने शपथ ग्रहण के बाद से कैबिनेट की बैठक मैं इसके लिए कमेटी गठन का निर्णय लिया। ये committee uniform civil code को प्रदेश में लागू करने के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी।

सबको मिलेगा समान अधिकार



UP Government गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता लागू होने से सारे समुदाय के लोगों को एक समान अधिकार मिल जाएंगे। ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लाॅ, क्रिस्चियन पर्सनल लाॅ, पारसी पर्सनल लाॅ खत्म हो जाएंगे। तमाम लोगों को संविधान के अंतर्गत मिले अधिकार मिल जाएंगे। कुछ समुदाय के Personal Law में महिलाओं के अधिकार सीमित है उन्हें बराबरी का दर्जा मिल जाएगा।

साथ ही साथ संपत्ति के अधिकार के मामले में भी पिता की संपत्ति पर अधिकार तथा गोद लेने के संबंध में महिलाओं को समान अधिकार का लाभ मिलेगा। कुछ विशेष समुदाय इसी वजह समान नागरिक संहिता का विरोध करती है।

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