Kairali Ship Mystery: पृथ्वी के 70 फ़ीसदी हिस्से में महासागर है। कई दिलचस्प कहानियो, दुर्लभ जीव को अपने भीतर छुपा के रखा है समंदर ने। हालांकि इनमें से कुछ रहस्य से तो इंसान ने पर्दा उठा लिया है। लेकिन आज भी ऐसे कई सारे रहस्य हैं। जिनके बारे में हम कुछ भी नहीं जानते। जबकि कुछ दिनों पहले ही समंदर की तलहटी पर पीले पत्थरों वाला रास्ता मिला था। जिसे बहुत से लोग खोए अटलांटिस शहर का रास्ता कह रहे थे। भरे समंदर से आज हम अनगिनत रहस्य खींच कर लाए हैं। एक 43 वर्ष पुराना रहस्य जो आज तक सॉल्व नहीं हो पाया। एक ऐसा भारतीय जहाज जो अपने आप समंदर में गायब हो गया।
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KSC (केरल शिपिंग कॉर्पोरेशन) का बल्क करियर जहाज था, एमवी कैराली। यह जहाज सितंबर 1966 में नार्वे में बना था और केरल शिपिंग कॉर्पोरेशन ने इसे 5.81 करोड़ देकर खरीदा। जबकि 30 जून 1979 को एमवी कैराली मरगांव/मडगांव से रोस्टॉक, जर्मनी के लिए निकली। इस जहाज की कमान कैप्टन मरियादास जोसफ हाथ में थी। The News Minute के एक लेख के मुताबिक जहाज में 49 क्रू सदस्य एवं 20,000 टन से ज्यादा लौह अयस्क भरा था।
बता दें कि 8 जुलाई को मरगांव से निकला जहाज ईंधन भरवाने के लिए अफ्रीका पहुंचने वाला था। लेकिन यह जहाज अफ्रीका के Djibouti पहुंचा ही नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक 3 जुलाई तक एमवी कैराली से लगातार संदेश मिलते रहे। 3 जुलाई 1969 को रात के 8:00 बजे जहाज का आखिरी संदेश मिला था।
कई दिनों तक एमवी कैराली की जहाज लापता थी। जहाज से संपर्क नहीं हो पा रहा था। Djibouti के एजेंट ने केरल शिपिंग कॉर्पोरेशन को जहाज के गुमशुदा होने की खबर दे दी। बावजूद इसके केरल शिपिंग कॉर्पोरेशन ने जहाज को मिसिंग घोषित करने में 4 दिन की देरी लगाई। 16 जुलाई 1979 कुछ सर्च अभियान शुरू हुआ। हालांकि जहाज के आखरी संदेश मिलने के 13 दिन बाद खोज शुरू हुई। भारतीय नौसेना की कोशिशों के कारण से एक दूसरा लापता जहाज मिला। लेकिन एमवी कैराली का नामो-निशान नहीं मिला।
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जहाज में सवार क्रू सदस्यों के रिश्तेदारों ने केरल शिपिंग कॉर्पोरेशन पर गंभीर आरोप लगाए। यह भी पाया गया कि कैप्टन जोसेफ 30 जून को सेल नहीं करना चाहते थे क्योंकि जहाज का रडार खराब था। हालांकि कैप्टन जोसेफ के रिश्तेदार ने यह बताया कि कैप्टन ने 26 जून को अपनी पत्नी मैरि को जहाज का रडार ठीक होने के बाद से 4 जुलाई को रवाना होने के बाद से खबर लिखी थी।
Kairali Ship Mystery, केरल शिपिंग कॉर्पोरेशन पर यह इल्जाम लगा कि रडार ठीक किए बिना उन्होंने जहाज को रवाना कर दिया। क्रू सदस्यों को अब तक यह यकीन नहीं है कि बिना किसी सबूत के इतना बड़ा एमवी कैराली जहाज समंदर में डूब गया। हालांकि कुछ लोगों का यह मानना है कि समुद्री लुटेरों ने जहाज पर कब्जा कर लिया। कुछ लोगों का तो यह मानना है कि एमवी कैराली मरगांव से 500 मील दूर गायब हुआ। लेकिन जहाज कहां गया यह किसी को नहीं पता।