Heart Attack Symptoms: हार्ट अटैक के लक्षण: कहीं आपके दिल की हालत बिगड़ ना जाए इसलिए हार्ट फेल होने के कुछ शुरुआती लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है । ताकि आप कुछ आदतें बदल कर अपने हार्ट की बीमारी को रोक सकते हैं। और हार्ट फेल जैसे खतरनाक स्थिति से निजात पा सकते हैं। हम आपको आज बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे लक्षण जो इस बात की सूचना देते हैं कि आपको हार्ट की समस्या बढ़ रही है।
इस पोस्ट में
हमारा हार्ट शरीर के जरूरी अंगों के साथ-साथ पूरे शरीर में ब्लड को पंप करने का काम करता है।
ह्रदय कमजोर हो जाने के बाद ही हार्ट फेलियर की समस्या आती है
दिल का दौरा पड़ने के संबंधित शुरुआती लक्षणों को जानना बेहद जरूरी है
हमारा हृदय हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। अगर हृदय ठीक से काम नहीं कर रहा है तो शरीर के सारे अंग धीरे-धीरे निष्क्रिय और कमजोर पड़ते जाते हैं । या यूं कहें तो हमारा हार्ट हमारे शरीर का मालिक है। अगर हम अपने दिल का ख्याल ठीक से नहीं रखते हैं हमारा दिल कमजोर हो जाता है तो हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। हमारा हृदय पूरे शरीर को ब्लड पंप करने का काम करता है । अगर वह इस कार्य को करने में विफल है तो ब्लड हमारे शरीर में सुचारू रूप से नहीं पहुंचेगी और शरीर हमारा कई बीमारियों के चपेट में आ सकता है।
हार्ट अटैक के दौरान एक या एक से अधिक रक्त वाहिकाएं पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती हैं और हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने में असफल हो जाती हैं। इससे हृदय का वह भाग जख्मी टिश्यू के रूप में बदल जाता है जिससे हृदय की कार्य करने की क्षमता काफी कम हो जाती है।
वैसे हार्ट अटैक आने के कुछ समय पहले से ही शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं जिसे अगर हम थोड़ा ध्यान से देखें और उसके प्रति सावधान रहे तो हम एक बड़ी बीमारी हार्ट अटैक की संभावना से बच सकते हैं उनके कुछ लक्षण हम नीचे दे रहे हैं:
दिल का दौरा के कारणों में फेफड़ों में जकड़न शामिल है इससे हमारे फेफड़ों में तरल पदार्थ के निर्माण का वजह बन सकती है इससे व्यक्ति को घरघराहट, खांसी और सांस लेने में समस्या आ सकती है।
जब हमारा हार्ट ब्लड को पंप करने की क्षमता खो देता है तो शरीर के निचले हिस्सों से उपयोग किए गए ब्लड को वापस लाने में वह विफल रहता है। जिससे पैरों के टखनों पेट और जांघों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है और उन में सूजन आ जाती है।
फेफड़ों में तरल पदार्थ का निर्माण होने से कार्बन डाइऑक्साइड युक्त ब्लड को ऑक्सीजन में परिवर्तित करने की क्षमता खत्म हो जाती है ।और सांस की तकलीफ पड़ जाती है जब गुरुत्वाकर्षण के कारण फेफड़ों के नीचे से धड़क तक फ्लूट लिक्विड फॉर्म में होता है।
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सांस की तकलीफ बढ़ जाने के कारण शरीर में थकावट उत्पन्न होती है जिसका असर हमारे शारीरिक गतिविधियों को करने पर पड़ता है और यह दिन प्रतिदिन कम होता जाता है।
हार्ट संबंधित समस्या के पहले थकान की समस्या का भी लक्षण सामने आ सकता है । हार्ट फेलियर व्यक्ति की शरीर की ऊर्जा को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन युक्त ब्लड को पंप करने में ह्रदय की अक्षमता के कारण होता है।
ऊपर दिए गए कोई भी हार्ट से संबंधित समस्या केवल सामान्य जानकारी को ही प्रसारित करती है। यह किसी भी तरीके से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है । अगर आपके पास ऐसी कोई समस्या है तो उसे अपने चिकित्सक परामर्श के द्वारा जरूर जांच कराएं। ऊपर दिए गए किसी भी जानकारी का हम दावा नहीं करते हैं। जानकारी देने का उद्देश्य आपकी सेहत और हमारी शुभ चिंता है।