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Teachers Whisky History: जानिए कौन थे विलियम टीचर जिनके नाम पर मशहूर हुआ व्हिस्की का मशहूर ब्रांड

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Teachers Whisky History

Teachers Whisky History: शराब आज के समय में ही नहीं बल्कि सदियों से मशहूर रही है । भारत हो या दुनिया का कोई भी देश शराब पीने वाले हर जगह पर मौजूद हैं । पर शराब के भी अपने ब्रांड होते हैं । किसी किसी ब्रांड की शराब की लत लोगों को इस कदर लग जाती है कि फिर दूसरा ब्रांड उन्हें भाता ही नहीं है । भारत ही दुनियाभर में भी इन्ही कुछ ब्रांड्स में से एक ब्लेंडेड स्कॉच व्हिस्की है जिसके पूरी दुनिया मे दीवाने मौजूद हैं । इसी ब्लेंडेड स्कॉच व्हिस्की का एक मशहूर ब्रांड है – टीचर्स । यह एक क्लासी तबके की ब्रांड है जो लोगों में बेहद प्रचलित है ।

आपको बता दें कि टीचर्स हाईलैंड क्रीम भारत मे लांच होने वाली पहली इंटरनेशनल स्कॉच थी । यह ब्रांड आज दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड है । ऐसे में आप जानने को उत्सुक होंगे कि आखिर इस स्कॉच व्हिस्की ब्रांड का नाम टीचर्स क्यों पड़ा तो हम आपको बता दें कि इसके पीछे पूरा एक इतिहास है ।

विलियम टीचर ने लांच किया था यह ब्रांड

Teachers Whisky History

साल 1830 में महज 19 साल की उम्र में एकमिल कर्मचारी विलियम टीचर ने 1823 में लागू हुए नए आबकारी अधिनियम को मौके के रूप में देखा और ग्लास्गो के एंडरसन जिले में पिकाडली स्ट्रीट में एक किराने की दुकान का एक छोटा सा हिस्सा बतौर शराब बेचने के लिए खरीद लिया । इस किराने की दुकान की मालिक एक बूढ़ी महिला थी जिसकी बेटी एग्नेस मैकडोनाल्ड से विलियम प्रेम करते थे ।

एग्नेस से 2 साल बाद 1832 में शादी करने के बाद विलियम ने दूसरी ड्राम शॉप 1836 में खोली। स्कॉच व्हिस्की बेचने वाले विलियम की शराब पीने लोग ड्राम शॉप पर आने लगे । लोग वहीं पर बैठते और विलियम की बनाई व्हिस्की से अपना गला तर करते । यही नहीं इसके बाद लोग शराब खरीदकर घर भी ले जाते ।

एक के बाद एक खोल दी 20 ड्राम शॉप्स

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Teachers Whisky History, विलियम की बनाई शराब लोगों को इतनी भाई कि लोग ड्राम शॉप्स पर आकर घण्टों शराब पीते रहते । इसके बाद जब विलियम का कारोबार चल निकला तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक 20 ड्राम शॉप्स खोल दीं । उन्होंने अपने बेटों की मदद से बेचने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया था । व्हिस्की के बिज़नेस करते समय विलियम और उन्ही के जैसे शराब व्यवसायियों के पास पूरे स्कॉटलैंड में सिंगल माल्ट और ग्रेन व्हिस्की का एक्सेस था । साल 1860 में जब स्पिरिट्स एक्ट लागू हुआ तो विलियम टीचर को अपना खुद का व्हिस्की ब्रांड बनाकर ड्राम शॉप्स में बेचने की इजाजत मिल गयी ।

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ऐसे हुआ टीचर्स व्हिस्की का जन्म

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खुद की शराब बनाकर बेचने का लाइसेंस मिलते ही विलियम टीचर ने हाई पीट माल्ट के साथ एक व्हिस्की बनाई । यह व्हिस्की उन्हें बहुत पसंद आई और उन्होंने इस नए ब्रांड को अपना खुद का नाम देने का फैसला किया । और इस तरह से टीचर्स हाईलैंड क्रीम व्हिस्की अस्तित्व में आई । साल 1876 में विलियम टीचर के निधन के बाद उनके बेटों विलियम जूनियर और एडम ने पिता के काम को आगे बढ़ाया और इनकी कम्पनी को विलियम टीचर एंड सन्स के रूप में जाना जाने लगा । उनके दोनो बेटों ने कम्पनी को सेंट हनोक स्क्वायर में शिफ्ट किया जो कि 1991 तक वहीं पर रही ।

8 साल से Beam Suntory के पास ‘टीचर्स’ का लाइसेंस

Teachers Whisky History, साल 1976 में टीचर्स ब्रांड का उत्पादन करने का लाइसेंस अलाइएड ब्रेवरीज को मिला । यह 2 साल बाद 1978 में अलाइड लियोन और 1994 में अलाइएड डोमेक का हिस्सा बन गया । वहीं 1996 में ग्लेनद्रोनाच डिस्टिलरी को बन्द कर दिया गया । वहीं 2002 में इसे फिर से खोले जाने के बाद चिवास ब्रदर्स को बेच दिया गया । साल 2014 में टीचर्स हाईलैंड क्रीम को बनाने का मालिकाना हक Beam Suntory ने खरीदा था जिसके बाद से इस मशहूर ब्रांड को यही कम्पनी बना रही है ।

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