Tesla: प्रतिभाएं उम्र, देश या फिर किसी क्षेत्र के दायरे में नहीं होती। ऐसी ही एक कहानी उत्तराखंड के चंपावत में देखने को मिली है। जहां के यशवंत चौधरी ने छोटी सी उम्र में बड़ा कमाल कर दिखाया है। उन्हें पहले ही नौकरी एक दिग्गज मल्टीनेशनल कंपनी में करोड़ों रुपए के सालाना पैकेज के साथ मिली है। चंपावत जिले के यशवंत चौधरी ने छोटी सी उम्र में ही बड़ा मुकाम पाकर उत्तराखंड तथा जिले का नाम रोशन किया है। यशवंत को महज 24 वर्ष की उम्र में 23 करोड़ रुपए यानी कि 30 लाख डॉलर से अधिक का पैकेज मिला है। हालांकि युवा इंजीनियर यशवंत को जर्मनी की टेस्ला गीगा कंपनी में वरिष्ठ प्रबंधक की नौकरी मिली है।
Tesla बेंगलुरु में अगस्त से प्रशिक्षण के बाद से नवंबर में उन्हें बर्लिन में काम करने का अवसर मिलेगा। कारोबारी शेखर चौधरी के बेटे यशवंत ने पिथौरागढ़ से बीटेक करने के बाद से 2020 में गेट में 870 वीं रैंक हासिल की थी। 2 वर्ष पहले उनका ट्रेनी प्रबंधक के रूप में बेंगलुरु में चयन हुआ था। कोविड-19 में उन्होंने ऑनलाइन अपनी सेवाएं दी।
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यशवंत ने यह बताया है कि उनका चयन 30 लाख डॉलर के पैकेज में तीसरा गीगाफैक्ट्री में वरिष्ठ प्रबंधक के लिए बर्लिन जर्मनी में हुआ है। हालांकि 31 जुलाई तक ऑनलाइन काम करने के बाद से अगस्त से अक्टूबर तक बेंगलुरु में प्रशिक्षण होगा। इसके बाद से नवंबर में बर्लिन में सेवा शुरू हो जाएगी।
यशवंत का यह कहना है कि उनका शुरू से ही सपना एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने का रहा है। ताकि वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा सके तथा आगे चलकर ये अनुभव उन्हें देश में ही किसी बड़ी जिम्मेदारी को संभालने में काम आ सके। यशवंत को इस जॉब के बाद से बधाइयों का तांता लगा हुआ है। परिवार के लोग भी यशवंत की इस कामयाबी को लेकर बहुत खुश हैं। उन्हे राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं की तरफ से भी उन्हें बधाइयां मिल रही।
यशवंत ने यह बताया कि 31 जुलाई तक वह ऑनलाइन काम करेंगे। हालांकि अगस्त में उनकी बेंगलुरु में ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। जिसके बाद सेवा नवंबर में बर्लिन में जाकर अपना काम शुरू कर सकेंगे। यशवंत का चयन मल्टीनेशनल कंपनी टेस्ला गीगा के लिए हुआ है।
Tesla बता दें कि यशवंत की स्कूली पढ़ाई चंपावत के स्कूल मालिकार्जुन से हुई है। शुरुआत से ही वो पढ़ाई में आगे रहे थे। उनके पिता ने यह बताया कि यशवंत बचपन से ही अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत गंभीर थे। वो पहले से ही किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करना चाहते थे। उनके स्कूल में हुए कार्यक्रम में यसवंत के प्रधानाचार्य संजय मुरारी ने उन्हें सम्मानित भी किया।
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यशवंत ने अपने जॉब के संबंध में बताते हुए यह कहा है कि उनकी पहली जॉब जर्मनी के बर्लिन में लगी है। यहां उन्हें टेस्ला गीगाफैक्ट्री में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर काम करने के लिए 30 लाख डॉलर का सालाना पैकेज ऑफर हुआ है। जिसको उन्होंने स्वीकार कर लिया है। यशवंत पहले 31 जुलाई तक ऑनलाइन काम करेंगे। इसके बाद से ही अगस्त से अक्टूबर तक उनका बेंगलुरु में प्रशिक्षण होगा। फिर वह नवंबर में बर्लिन में अपनी सेवाएं देना शुरू करेंगे।