Shivpal Singh Yadav: इस समय यूपी में शिवपाल यादव चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं। कभी सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के राइट हैंड कहे जाने वाले शिवपाल यादव पार्टी में ही अब साइड में पड़ गए हैं। यूपी चुनाव के दौरान ही सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जब उन्हें रिस्पेक्ट दी तथा पार्टी के टिकट पर जसवंत नगर सीट से उम्मीदवार बनाया। तब उस समय उनमें यह उम्मीद जगी कि एक बार फिर उनकी पूछ पार्टी में और बढ़ गई है। चूंकि चुनाव समाप्त, बात समाप्त वाली बात उनके साथ हो भी गई है।
अखिलेश यादव ने उन्हें एक बार फिर से दरकिनार किया तो उन्होंने Party से ही अलग होने की रणनीति बना डाली है। उन्होंने प्रगतिशील Samajwadi Party की सभी कमेटियों को भंग कर बड़ा संकेत भी दे दिया है।
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दरअसल Shivpal Singh Yadav के भाजपा में शामिल होने की खबरें भी लगातार सुर्खियों में छाई हुई हैं। सपा विधायक दल की बैठक के आज लगातार ही शिवपाल यादव की नाराजगी से भरे बयान सामने आते नजर भी आ रहे हैं। हालांकि बड़े भाई Mulayam Singh Yadav से दिल्ली में मुलाकात करने के बाद से Shivpal Singh Yadav ने मुलाकात की CM Yogi से। लेकिन इस मुलाकात ने तो प्रदेश की राजनीति को और भी गरमा दिया है। इसके बाद से ही यह दावा किया जा रहा है कि शिवपाल यादव भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
चूंकि shivpal Yadav ने सही समय का इंतजार करने की बात कह कर हर किसी को राजनीतिक कयास बाजी का मौका भी दे दिया है। अब PSP की सारे इकाइयों को भी भंग करने के पर भी यही सवाल उठ रहा हैं कि शिवपाल के भी क्या पाला बदलने का वक्त आ गया है?
PSP की तमाम राष्ट्रीय तथा राज्य कमेटियों को भंग कर दी गई है। यही माना जा रहा है कि अब शिवपाल यादव अपना अगला राजनीतिक कदम बढ़ाने जा रहे हैं। इसी क्रम में उनका यह पहला कदम है। उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 में प्रसपा के बहुत सारे नेता पार्टी से बिखर गए। शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन भी किया। इसके अंतर्गत केवल उन्हें एक ही सीट मिली। वो भी Samajwadi Party के Symbol पर लड़े। ऐसी स्थिति में प्रसपा का नाम भी नहीं रहा।
ऐसे में अगर Party के सारे समर्पित कार्यकर्ताओं ने दूसरा ठिकाने का तलाशा कर लिया, तो वह अपनी Party को नए सिरे से खड़ा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हो या फिर वह BJP में शामिल होने जा रहे हैं।
शिवपाल यादव के बेटे तथा PSP के महासचिव आदित्य यादव ने राष्ट्रीय तथा राज्य कमेटियों को भंग करने का आदेश जारी किया। इस आदेश में यह कहा गया है कि प्रगतिशील Samajwadi Party के राष्ट्रीय अध्यक्ष shivpal Singh Yadav के निर्देश के अंतर्गत प्रदेश कार्यकारिणी तथा राष्ट्रीय व प्रादेशिक प्रकोष्ठ की कार्यकारिणी अध्यक्ष समेत संपूर्ण प्रवक्ता मंडल को भी भंग किया जाता है। इसी तरह से कार्यवाहक मुख्य प्रवक्ता का पद भी खत्म कर दिया गया है।
बता दें कि राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में सपा को हार का सामना भी करना पड़ा था तथा उसके बाद से पार्टी को विपक्ष में बैठना भी पड़ा है। हालांकि राज्य में नेता प्रतिपक्ष को लेकर सपा के अध्यक्ष Akhilesh Yadavने तथा जसवंत नगर से पार्टी विधायक shivpal Singh Yadav के बीच मनमुटाव ही शुरू हो गए थे। क्योंकि अखिलेश ने शिवपाल सिंह यादव को भी विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया। हालांकि तकनीकी तौर पर Shivpal Singh Yadav विधानसभा में सपा के विधायक हैं।
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Shivpal Singh Yadav ने साफ तौर पर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। राज्यसभा जाने की अटकलों पर भी उन्होंने केवल इतना ही कहा है कि अभी हम कुछ बता नहीं सकते हैं। जब बोलेंगे तो media को भी बुला लिया जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना है कि शिवपाल यादव इस बात पर भी मंथन कर रहे हैं कि क्या प्रसपा का भारतीय जनता पार्टी में विलय कराया जाए या फिर एनडीए के सहयोगियों के तौर पर भी अपनी राजनीति को आगे बढ़ाया जाए।