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आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी से नहीं जोड़े जाएंगे सोशल मीडिया अकाउंट, ने खारिज की याचिका

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट का सफाया करने के लिए आधार पैन कार्ड और वोटर आईडी को सोशल मीडिया अकाउंट से जोड़े जाने का आदेश देने से मना कर दिया था जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई,

social medi link with aadhar card

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर मंगलवार को विचार करने से मना कर दिया। जिसने सोशल मीडिया अकाउंट आधार पैन कार्ड वोटर आईडी कार्ड से सोशल मीडिया को जोड़ने का निर्देश देने से खारिज कर दिया।

सोशल सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट का सफाया करने के लिए यह निर्देश देने के लिएउच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया था। हालांकि न्यायमूर्ति एल नागेश्वर की पीठ ने याचिकाकर्ता , वकील और भाजपा नेता अश्वनी उपाध्याय शीर्ष न्यायालय ने केंद्र द्वारा दायर की गई (मामले के) स्थानांतरण याचिका में खुद को पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी.

विशेष अनुमति याचिका की गई खारिज

वकील ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दलील दी कि केंद्र ने इससे पहले इस तरह के मामले को कुछ उच्च न्यायालय से शीर्ष न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की थी। पीठ ने कहा कि “हम उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाले आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं देखते ।इसी तरह विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है हालांकि याचिकाकर्ता (उपाध्याय) स्थानांतरण मामले में पक्षकार बनाए जाने की अर्जी दायर करने की छूट दी जाती है।

पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट्ट भी शामिल है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश देने से किया था इंकार,

उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने (सोशल मीडिया) पर फर्जी अकाउंट का सफाया करने के लिए आधार पैन कार्ड (आयकर विभाग द्वारा जारी खाता संख्या) वोटर कार्ड को सोशल मीडिया अकाउंट से जोड़े जाने देने से इनकार कर दिया अदालत ने कहा था कि इससे वास्तविक अकाउंट वाले लोग (जिनकी संख्या अधिक है)के डाटा अनावश्यक रूप से विदेश में चले जाएंगे।

उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा था कि सोशल मीडिया पर 20% अकाउंट फर्जी या नकली है। उन्होंने याचिका में यह भी आरोप लगाया कि फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल चुनाव में फर्जी व पेड़ न्यूज़ का प्रसार करने में इस्तेमाल किया जाता है ।

Brijendra Kumar

Founder and Chief Editor

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