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यूपी के मजदूरों को दूसरे राज्य में काम करने के लिए ले जाने के लिए इन शर्तों का करना पड़ेगा पालन,

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अब अगर कोई राज्य यूपी के मजदूरों से काम लेना चाहता है तो उन्हें यूपी सरकार से पहले परमिशन लेनी होगी । उसके बाद ही वो काम करा सकता है। यह ऐलान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि मजदूर राज्य की संपदा और वे एक ऐसी व्यवस्था चाहते हैं कि मजदूरों को अपना राज्य छोड़कर जाना ही ना पड़े |

24 मई को हुई एक मीटिंग में योगी आदित्यनाथ ने कहा सरकार यह तय करेगी कि प्रदेश के मजदूरों के सामाजिक, लीगल व आर्थिक नीति की रक्षा हो, इसके अलावा यूपी सरकार ने यह तय किया कि वह प्रवासी मजदूरों से जुड़े मसलों पर नजर रखने के लिए माइग्रेंट कमीशन के बनाएगी |

घर वापस आए श्रमिक भाई बहनों को प्रदेश में ही सेवा योजित करने के लिए माइग्रेशन कमीशन गठित करने की रूपरेखा तैयार करने जा रही है। अर्थव्यवस्था की धुरी इन कामगारों को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध करवाकर इन्हें सामाजिक सुरक्षा देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.

योगी आदित्यनाथ ने कहा-

यह मजदूर हमारे लिए बड़ा रिसोर्सेज है हमें इन्हे प्रदेश में ही रोजगार दिलाना होगा, रोजगार की कमी ना हो, इसलिए कमीशन बनाने का फैसला किया गया है. यह हमारे प्रदेश के कामगार हैं अगर कोई राज्य इन्हें काम पर लेना चाहता है तो उन्हें पहले हमसे परमिशन लेनी होगी।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि माइग्रेंट कमीशन मजदूरों के लिए इंश्योरेंस ,सामाजिक सुरक्षा, उन्हें दोबारा काम दिलाने का जिम्मा, काम ना रहने पर बेरोजगारी भत्ता जैसी बातों पर ध्यान देगा |

प्रवासी कामगारों को बीमा का लाभ देने के लिए व्यवस्था की जा रही है। साथ ही ऐसी कार्ययोजना की व्यवस्था की जा रही है जिससे उनकी जॉब श्योरिटी प्रदेश में सुनिश्चित की जा सके और उन्हें मजबूर होकर घर परिवार से दूर काम की तलाश में पलायन ना करना पड़े।

योगी ने बताया कि अब तक 23 लाख प्रवासी मजदूरों को प्रदेश लाया जा चुका है. मजदूरों के लिए काम का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि एक जर्मन कंपनी अपना प्रोडक्शन को चीन से भारत में शिफ्ट कर रही है, इसके लिए कंपनी ने आगरा को चुना है और यहां से भी कई रोजगार पैदा होंगे |

Brijendra Kumar

Founder and Chief Editor

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