दुनियाभर में अगर सख्त कानुनो और उनके पालन की पर नजर की जाए तो हमारे दिमाग में सऊदी अरब का नाम ही आता है क्योकी यहां के कानून को दुनिया भर में बड़ा सख्त माना जाता है। इस देश में जुर्म साबित होते ही फ़ौरी तौर पर सजा भी दी जाती है। किंतु, अब इस देश में भी इतिहास का सबसे बड़ा कानूनी सुधार हुआ है। सऊदी अरब ने अपने कानूनो में बड़े ही बदलाव किए हैं। इन बदलावों में कुछ अधिक पाबंदियां लगाकर देश के कानूनी सिस्टम को और भी प्रभावशाली और सख्त बना दिया है । इन नए कानूनों को यूएई के प्रेसिडेंट शेख खलीफा बिन जायेद अल नहयान द्वारा मंजूरी भी मिल चुकी है, जिससे आर्थिक और व्यावसायिक अवसरों में भी मजबूती, सामाजिक स्थिरता में बढ़ोतरी आएगी और व्यक्तिगत व संस्थागत अधिकारों को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। ये सभी नए कानून नए साल यानी 2 जनवरी 2022 से सऊदी अरब में लागू हो जाएंगे।
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सऊदी अरब के इन नए कानूनी सुधारों में सबसे अहम प्रावधान यह है कि यह कानून उन सभी व्यक्ति पर लागू होगा जो सऊदी अरब के किसी नागरिक की पूर्वनियोजित हत्या कर देता है या इस हत्या में शामिल होता है। चाहे फिर वह अपराध देश के बाहर ही क्यों न हुआ हो। इसके अलावा इन कानूनों का अमल शुरू होने से अब वहां पर ऑनलाइन अपराधों पर भी अंकुश लग जाएगा। इसमें सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलने से रोकना, अफवाहों को रोकना और व्यक्तिगत निजता व अधिकारों को संरक्षण दिया जाएगा।
सरकार ने इन कानूनी सुधारों में फेक न्यूज और गलत खबरों को लेकर विभिन्न प्रावधानो को शामिल किया गया हैं। इसके अनुसार कानून कोर्ट को डिवाइस, सॉफ्टवेयर और कंटेंट को जब्त करने का अधिकार देता है। इसमें ऑनलाइन गलत और भ्रामक विज्ञापन व प्रमोशन के बारे में कार्रवाई का पावर भी दिया गया है। इसके अलावा गैरकानूनी तरीके से क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग और मेडिकल प्रॉडक्ट्स व सप्लीमेंट से संबंधित सारे कानूनों को भी शामिल किया गया हैं।
सऊदी के नए कानूनों के अनुसार देश भर में सार्वजनिक स्थानों या अनाधिकृत स्थानों पर एल्कोहल का सेवन गैरकानूनी माना जाएगा। साथ ही 21 वर्ष से कम उम्र वाले युवाओं द्वारा शराब की बिक्री और सेवन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। सऊदी में स्थानीय और प्रांतीय स्तरों पर चर्चाओं के बाद सभी कानूनो को बनाया गया है। इन सभी कानूनों को तैयार करने और उनके अमल के लिए सरकार ने पिछले 5 महीनों में 50 प्रांतीय और लोकल अथॉरिटी में काम करने वाले 540 विशेषज्ञों और विद्वानों की राय भी ली थी।