Sunrise over Ayodhya: मचा बवाल, सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में ‘हिंदुत्व’ की तुलना आईएसआईएस से की:

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पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की “Sunrise Over Ayodhya” नाम की किताब को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने इसमें “हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन बोको हराम एवं आईएसआईएस” से की है। जिसको लेकर बीजेपी के नेता जयभान सिंह पवैया ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने बताया कि यह किताब जहरीली कलम से लिखी गई है। इस प्रकार की किताब का वर्तमान भारत में कोई गुंजाइश नहीं है। जयभान पवैया ने आगे कहा कि यह देश के संप्रदायिकता सौंदर्य को बिगाड़ने का एक षड़यंत्र है, तथा लाखों हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला कृत्य है। विदेशी मूल की महिला के गुलामों ने उनके इशारे पर ही यह काम किया है। बीजेपी नेता ने किताब पर रोक लगाने तथा इसके साथ ही साथ सलमान खुर्शीद पर मामला दर्ज कर जेल भेजने की मांग की है।

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आलोचना कांग्रेस नेताओं का (Sunrise over Ayodhya)

इस किताब में हिंदुत्व से प्रभावित कांग्रेसी नेताओं की आलोचना भी की गई है। सलमान खुर्शीद ने किताब में लिखा है कि हिंदुत्व साधु-संतों के सनातन एवं प्राचीन हिंदू धर्म को अलग कर रहा है। जो हर तरफ से आतंकी संगठन आईएसआईएस एवं बोको हराम जैसी इस्लामिक संगठनों की तरह है। बुधवार को इस किताब का विमोचन किया गया है।

आतंकी संगठनों से आईएसआईएस और बोको हराम की तुलना हिंदुत्व से

सलमान खुर्शीद का जिस बात पर सबसे ज्यादा विवाद हो रहा है, वह है कट्टर जिहादी और कुख्यात आतंकी संगठनों से हिंदुत्व की तुलना। पेज नंबर 113 पर “द सैफरन स्काई” में खुर्शीद लिखते हैं कि साधु-संत जिस सनातन धर्म एवं क्लासिकल हिंदुइज्म को जानते हैं, उसे दरकिनार करके हिंदुत्व के ऐसे वर्जन को आगे बढ़ाया जा रहा है, जो हर पैमाने पर आईएसआईएस व बोको हराम जैसे जिहादी इस्लामी संगठनों की राजनीतिक के रूप जैसा है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि हिंदुत्व का उपयोग राजनीतिक फायदे के लिए किया जाता है और चुनावी रैलियों में इसका जिक्र होता है।

हिंदू धर्म को लेकर दिग्विजय सिंह का तर्क

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी किताब के लांचिंग के समय मौजूद थे। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं सनातन धर्म का अनुयायी हूं..। लेकिन हिंदूत्व का हिंदू धर्म से कोई लेना देना नहीं है। सनातनी परंपराओं से भी कोई लेना देना नहीं है। ये सनातनी परंपराओं के ठीक विपरीत है। उन्होंने यह दावा किया है कि विनायक दामोदर सावरकर जी कोई धार्मिक व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि गऊ को माता क्यों मानते हो..? हिंदू को परिभाषित करने के लिए वह हिंदुत्व शब्द लाए। चूंकि इससे लोग भ्रम में पड़ गए हैं। आरएसएस का अफवाह फैलाने में भी कोई जवाब नहीं है। हालांकि उन्हें अब तो सोशल मीडिया के रूप में एक बड़ा हथियार भी मिल गया है।

हिंदू खतरे में है ऐसा कहा जा रहा…

उन्होंने कहा कि “कहा जा रहा है कि हिंदू खतरे में है”। अरे जनाब 500 साल पहले के मुगलो व मुसलमानों के राज में हिंदू धर्म का कुछ नहीं बिगड़ा, डेढ़ सौ साल के ईसाइयों के शासन में भी हिंदू का कुछ नहीं बिगड़ा तो अब क्या बिगड़ जाएगा..? खतरा तो उस विचारधारा और उस मानसिकता को है जिसने अंग्रेजो की तरफ फूट डालो एवं राज करो कि जरिए राज करने का संकल्प लिया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि दुख की बात है कि हम लोग भी ‘साफ्ट हिंदुत्व और हार्ड हिंदुत्व’ के चक्कर में पड़ जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं शाहीन बाग की महिलाओं को बधाई देता हूं जिन्होंने अपने अधिकार के लिए अहिंसक प्रदर्शन किया। किसानों को भी बधाई देता हूं कि वह 11 महीने से अहिंसक आंदोलन कर रहे हैं। इस देश को महात्मा गांधी का रास्ता ही आगे बढ़ा सकता है। चूंकि दिग्विजय सिंह ने इस बात पर जोर देकर कहा कि सुलह इस देश का रास्ता होना चाहिए।

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