Exam Material: आज भी समाज में दिव्यांगों को बराबर का हिस्सा नहीं मिलता। या तो उन्हें अवसर ही नहीं मिलता या फिर उन्हें बेचारा समझा जाता। आज भी बहुत सारे लोग उन्हें स्वस्थ करने के बजाय, उन्हें सहानुभूति दिखाने में विश्वास करते हैं। हमारे ही समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जो दिव्यांगों को सशक्त बनाने, उन्हें समान अवसर दिलाने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं। एक ऐसी ही महिला है 35 वर्षीय रितु।
बता दें कि जन्म से ही रितु की आंखों की रोशनी नहीं है। लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत बना लिया। रितु दूसरे दिव्यांगों की जिंदगी सवार रही है तथा उन्हें सम्मान पूर्वक जिंदगी जीने में मदद कर रही हैं।
इस पोस्ट में
नेत्रहीन के लिए ही तैयार कर रही हैं Exam Material रितु अन्य नेत्रहीन छात्रों के लिए Exam Material बनाती है। ताकि वह आसानी से प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। रितु का मानना है कि UPSC, TET एवं अन्य परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन सामग्री की कमी नहीं है। लेकिन नेत्रहीन छात्र उसका लाभ नहीं उठा सकते।
रितु ने News18 से बातचीत के दौरान बताया कि दूसरी समस्या यह है कि ज्यादातर मैटर अंग्रेजी में है तथा हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्रों में कई छात्र अंग्रेजी नहीं जानते। बेंगलुरु के NGO Enable India की मदद से रितु हिन्दी में Exam Material रिकॉर्ड भी करती है तथा एस्पिरेंट्स को परीक्षा की तैयारी में मदद करती हैं। एनजीओ ग्रामीण क्षेत्रों के दिव्यांगों को सामान अवसर देने की कोशिश भी कर रही है।
Exam Material ये एनजीओ कन्नड़ नम्मा वाणी तथा हिंदी में हमारी वाणी पहल के जरिए दूरदराज के इलाकों के क्षेत्रों की मदद कर रहा है। हमारी वाणी पहल से एक हजार से अधिक स्टूडेंट्स को फायदा हुआ है। हजारों हिंदी समझने वाले एस्पिरेंट्स के लिए रितु पहले अंग्रेजी में नोट्स पढ़ती हैं। फिर उसके बाद से उसे हिंदी में अनुवाद करती हैं और फिर ब्रैल लिपि में लिखती हैं। रितु ऑडियो फाइल्स भी रिकॉर्ड करती हैं। हालांकि ऑडियो फाल्स को मोबाइल में सुना जा सकता है।
गौरतलब है कि ऋतु के शब्दों में, मैं सालों से इस एनजीओ से जुड़ी हुई हूं उसके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए हम ज्यादा से ज्यादा दिव्यांग को तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं
देखिए टोल प्लाजा पर क्या-क्या तोड़ दिया अग्निपथ योजना के खिलाफ मे,
लांच से पहले ही धड़ा-धड़ बुक हुई इस क्यूट कार की 30,000 यूनिट्स, TATA की नैनो को भी पछाड़ा
बता दें कि रितु ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। उनके पास MED की डिग्री भी है। हालांकि सहारनपुर स्थित नवोदय विद्यालय में शिक्षिका है। वह Divine Light NGO से भी जुड़ी है। यह एनजीओ निर्बल के लिए काम करता है। इसके अलावा भी रितु दिव्यांगों की काउंसलिंग भी करती हैं। रितु का मानना है कि समाज का दिव्यांगों के प्रति जो रवैया है। उसको बदलने में कुछ समय लगेगा लेकिन वह उनकी मदद कर सकती हैं।