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चीन में अपने देश में दंपतियों को तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी है। चीन ने Three Child Policy को मंजूरी दे दी है। चीन की राष्ट्रीय विधायिका ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा लाई गई तीन बच्चों की नीति का शुक्रवार को औपचारिक रूप से समर्थन किया। दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश में तेजी से कम होती जन्म दर को रोकने के लिए यह नीति लाई गई है। चीन ने हाल ही में अपनी जनसंख्या रिपोर्ट जारी की थी।जिसमें युवा आबादी के घटना की जानकारी मिली थी।
National People’s Congress की स्थाई समिति ने संशोधित जनसंख्या एवं परिवार नियोजन कानून को पारित कर दिया। जिसमें चीनी दंपतियों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई है। चीन में बढ़ती महंगाई की वजह से दंपत्ति कम बच्चे पैदा कर रहे हैं। हालांकि सरकारी समाचार पत्र “चाइना डेली”के अनुसार नए कानून में बच्चों के पालन पोषण और उनकी शिक्षा का खर्च कम करने के साथ ही परिवार का बोझ कम करने के लिए वित्त, बीमा, कर आवासीय, शिक्षा और रोजगार से संबंधित सहयोगात्मक कदम उठाए जाएंगे।
चीन विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश है। दूसरे स्थान पर इसके बाद भारत आता है। 1970 के दशक में आबादी की बढ़ती रफ्तार पर काबू पाने के लिए कुछ इलाकों में चीन ने वन चाइल्ड पॉलिसी लाइ थी। हालांकि चीन की जनसंख्या 141 करोड़ से अधिक है।
चीन में सन् 1980 के दशक में राष्ट्रपति डेंग शाओपिंग किस शासन में वन चाइल्ड पॉलिसी (एक बच्चे की नीति) शक्ति से लागू की गई थी। इसके अनुसार माता-पिता सिर्फ एक ही बच्चे पैदा कर सकते थे। चीन ने यह योजना यह योजना चीन ने सन् 2015 तक जारी रखी थी। इन नियमों को तोड़ने वाले दंपतियों और उनके बच्चों से सरकारी सुविधाएं छीन ली जाती थी। और साथ ही साथ उन्हें सरकारी योजना और नौकरियों से भी वंचित रखा जाता था।
चीन ने 2016 में एक बच्चे की नीति खत्म करके दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी थी। बावजूद इसके चीन में बच्चों के जन्म में वृद्धि नहीं हुई। इसका कारण यह भी है कि बच्चों की परवरिश में अधिक खर्च के चलते कई दंपतियों ने इस नीति को नहीं अपनाया। जनगणना से पता चला है कि 1950 के दशक के बाद से पिछले दशक के दौरान जनसंख्या सबसे धीमी दर से बढ़ी है। फिलहाल 2020 में महिलाओं में औसतन 1.3 बच्चों को जन्म दिया है।
चीनी इस समय जिस संकट का सामना कर रहा था। उसके और गहराने की उम्मीद है। यह बात चीन में हुई नई जनगणना के आंकड़ों से पता चला है। चीन में 60 वर्ष से अधिक लोगों की आबादी बढ़कर 26.4 करोड़ हो गई है। अगले पांच साल में चीन की एक चौथाई आबादी की उम्र 65 साल से अधिक हो जाएगी। एनबीए के अनुसार जनसंख्या औसत आय बढ़ने से दीर्घकालिक संतुलित विकास पर दबाव बढ़ेगा। चीन में 89.4 करोड़ लोगों की उम्र 15 से 59 वर्ष के बीच है जो कि सन् 2010 की तुलना में 6.79 प्रतिशत कम है। जिसकी वजह से देश में काम करने वाले लोग बहुत ज्यादा कम हो जाएंगे, व एक बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
चीन की आबादी वर्ष 2026-2030 के बीच एक नए मोड़ पर पहुंचने वाली है। क्योंकि चीन की जनसंख्या अब सिकुड़ रही है। जिसके कारण चीन के विकास की दर में कमी आने की आशंका है। चीन के एक थिंक टैंक ने इस बात का खुलासा कुछ महीने पहले ही किया है। चीन में पिछले दशक में 5.38 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। जिससे देश की आबादी 141 करोड़ हो गई है। चूंकि 1950 के बाद अब तक की सबसे कम जनसंख्या बढ़ने की दर है। थिंक टैंक के अनुसार चीन के दशकों पुराने एक बच्चा नीति के चलते यहां पर प्रजनन क्षमता कम हो गई है। साथ ही निर्वाह खर्च बढ़ गया है, और सामाजिक कार्यों में भी कमी आई है। अगर यह समय इसी तरह चलता रहा था चीन की आबादी 2026 से 2030 के बीच तेजी से घटेगी। जिस नेगेटिव पापुलेशन ग्रोथ कहते हैं।