मध्यप्रदेश के भोपाल डिवीजन में आने वाले ‘हबीबगंज रेलवे स्टेशन’ का नाम बदलकर “रानी कमलापती रेलवे स्टेशन” हो गया है। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग की ओर से इस संबंध में गृह मंत्रालय को भेजा गया प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है। इस स्टेशन का नाम रानी कमलापती के नाम पर रखने का फैसला उनकी वीरता एवं पराक्रम को देखते हुए ही लिया गया है। इस स्टेशन को एयरपोर्ट जैसी वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के साथ ही तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के बाद कहा कि नाम बदलने से स्टेशन का महत्व और भी बढ़ा है।
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मध्य प्रदेश जनसंपर्क के अनुसार वर्ष 1905 में इस स्टेशन का निर्माण किया गया था। इस स्टेशन को उस समय शाहपुर के नाम से जाना जाता था। इसका नाम वर्ष 1979 में हबीबगंज कर दिया गया था। रानी कमलापति गोंडा समुदाय की रानी थी। हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम उनके नाम पर ही रानी कमलापती स्टेशन रखा गया है। रानी कमलापति ने अपनी आत्म सम्मान की रक्षा के लिए जल समाधि ले ली थी।
इतिहास पर गौर करें तो रानी कमलापति 18वीं शताब्दी की गोंड की रानी थी। उस समय गिन्नौरगढ़ के मुखिया निजाम शाह थे, जिनकी 7 पत्नियां थी। बहादुर और बेहद ही खूबसूरत रानी कमलापति इन्हीं में से एक थी, जो राजा को सबसे ज्यादा प्रिय थी। उस समय बाड़ी पर निजाम शाह के भतीजे आलम शाह का शासन था। आलम शाह की नजर शाह के दौलत व संपत्ति पर था। रानी कमलापति की खूबसूरती से प्रभावित होकर उसने अपने प्रेम का इजहार भी कर दिया था। लेकिन उसे रानी ने ठुकरा दिया। रानी ने अपनी आबरू की रक्षा के लिए जल समाधि ले ली थी। भोपाल में कमला पार्क व आर्च ब्रिज उन्हीं के नाम पर है।
रेलवे स्टेशन पर अब यात्रियों को शॉपिंग कंपलेक्स, स्मार्ट पार्किंग, हाई सिक्योरिटी, हॉस्पिटल समेत कई आधुनिक सुविधाएं मिलने जा रही हैं। ये देश में पहला ISO-9001 सर्टिफाइड रेलवे स्टेशन है। ये स्टेशन भारत की पहली सर्टिफाइड ट्रेन शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस का हेड क्वार्टर है। यहां पर कई बड़ी ट्रेनों का स्टॉपेज भी है। रेलवे प्लेटफार्म तक पहुंचने वाले यात्री स्टेशन पर लिफ्ट या स्क्लेटर के जरिए बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं।