PFI: भारत के कई राज्यों में फैले कट्टरपंथी संगठन पीएफआई(पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) को प्रतिबंधित कर दिया गया है । खुफिया एजेंसियों से मिली सूचना के बाद गृह मंत्रालय ने कार्यवाही करते हुए पीएफआई को 5 साल के लिए बैन कर दिया है । बता दें मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने देश के सात राज्यों में पीएफआई के खिलाफ छापे मारे थे । सरकार ने कार्यवाही करते हुए पीएफआई को एक गैरकानूनी संस्था करार दिया है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने पीएफआई से जुड़ी और इसे सहयोग देने वाली 8 अन्य संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगाया है ।
सरकार ने इसके लिए आधिकारिक आदेशपत्र भी जारी कर दिया है । बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों ने पीएफआई को देश के लिए खतरा मानते हुए केंद्र सरकार से बैन लगाने की सिफारिश की थी । बता दें कि सरकार ने पीएफआई और उसकी सहयोगी संस्थाओं पर यूएपीए की धारा 3 (1) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए कार्यवाही की है ।
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केंद्र सरकार ने पीएफआई के अलावा उसकी 8 सहयोगी संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगाया है । जिनमे से रिहैब इंडिया फाउंडेशन(RIF),आल इंडिया इमाम कॉउंसिल(AIIC),कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया((CFI),नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स(NCHRO),नेशनल वीमेन फ्रंट(NWF), जूनियर फ्रंट,एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन(केरल) जैसे संगठन हैं ।
बीती 22 सितंबर और मंगलवार 27 सितंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA),ED और राज्यों की पुलिस ने PFI के ठिकानों पर छापेमारी की थी । जहां पहले राउंड की छापेमारी में 106 पीएफआई कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए थे तो दूसरे दौर में 247 पीएफआई से जुड़े लोग गिरफ्तार किए गए/हिरासत में लिए गए । बता दें कि जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे । इस संगठन को देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया था जिससे एजेंसियों ने केंद्र सरकार से इसके खिलाफ कार्यवाही करने का अनुरोध किया था । बता दें कि 2017 में एनआईए ने केंद्र सरकार से PFI को बैन करने की सिफारिश की थी ।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने देश के 7 राज्यों में मंगलवार सुबह कार्यवाही की । उत्तरप्रदेश,कर्नाटक,गुजरात, दिल्ली,मध्यप्रदेश, असम और महाराष्ट्र में पीएफआई के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापे मारे । इन राज्यों से 230 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए या हिरासत में लिए गए । कर्नाटक में सबसे ज्यादा 80 तो उत्तर प्रदेश में 57 लोगों को हिरासत में लिया गया । बता दें कि एनआईए को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं । बता दें कि एनआईए को सूचना मिली थी कि पीएफआई पूरे देश का माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रही है ।
वहीं देश के संवेदनशील इलाकों में भी अशांति फैलाने की योजना बनाई जा रही थी जिसके चलते इन इलाकों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है । बता दें कि 22 सितंबर को हुई कार्यवाही में 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था । वहीं एडीजी(कानून व्यवस्था)प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआई के खिलाफ छापे में तमाम आपत्तिजनक सामग्री मिली है जिनमें सीडी,प्रतिबंधित साहित्य सहित अन्य सामग्री है ।
बता दें कि कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए गए पीएफआई की स्थापना साल 2006 में केरल में की गई थी । पहले यह नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट(NDF) के रूप में जानी जाती थी । इसके बाद धीरे धीरे इसमें कई मुस्लिम संगठन भी जुड़ते चले गए जिसके बाद यह पीएफआई के रूप में जानी जाने लगी । बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद दक्षिण भारत के कई मुस्लिम संगठन मिलकर पीएफआई के रूप में पहचाने गए ।
पीएफआई को कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाया गया है और कई राज्यों में इस पर बैन है । हाल ही में बिहार के फुलवारी शरीफ में गजवा ए हिन्द स्थापित करने की कोशिश में भी इस संगठन का नाम सुर्खियों में आया था ।