PM Modi: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया भर में बॉक्सिंग में जीत कर भारत का परचम लहराने वाली देश की बेटीयां निकहत जरीन, मनीषा मौन और परवीन हुड्डा से मुलाकात की थी। इन तीनों प्लेयर्स से प्रधानमंत्री ने कहा कि तीनों ने दुनिया भर में हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है।
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प्रधानमंत्री ने तीनों बॉक्सिंग स्टार्स से मुलाकात की और इस बात की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर की है! प्रधानमंत्री मोदी जी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘मुक्केबाज निकहत जरीन, मनीषा मौन और परवीन हुड्डा से मिलकर बहुत ही खुशी हुई जिन्होंने महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में हिंदुस्तान को गौरवान्वित किया है। हमने उनके जीवन की यात्रा पर बहुत सारी बातचीत की जिसमें खेल के प्रति जुनून और इसके इतर जिंदगी के बारे में सभी बातें शामिल थीं। भविष्य के लिए उन्हें हमारी शुभकामनाएं।’
बता दें कि तेलंगाना की निकहत जरीन ने हाल ही में महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप फ्लाइवेट वर्ग में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, मनीषा ने 57 किलोग्राम भार वर्ग में और परवीन हुड्डा ने 63 किलोग्राम भार वर्ग में इंस्तांबुल में हुई वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर देश और देशवासियों का सिर देश और देशवासियों का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया था।
पीएम मोदी से हुई मुलाकात के बाद निकहत जरीन ने भी ट्वीट किया था। निखत ने प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी शेयर करते हुए लिखा कि,’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर से मुलाकात बहुत बड़े सम्मान की बात। धन्यवाद सर।’
वहीं मनीषा मौन ने भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद ट्विटर पर सेल्फी पोस्ट की थी। मनीषा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना हमारे लिए बहुत ही बड़े सम्मान की बात है। आपकी शुभकामनाओं और समर्थन के लिए बहुत बहुत ही शुक्रिया।’
बीते कुछ दिनों से ही निकहत जरीन का नाम काफी सुर्खियों में है और हो भी क्यों न, आखिर उन्होंने काम ही ऐसा किया है कि हर कोई उनकी प्रशंसा करने को मजबूर है। एक वक्त था जब निखत जरीन को मेरी कॉम ने कह दिया था, “निकहत जरीन कौन है मैं उसे नहीं पहचानती।” आज वही मैरी कॉम भी निखत जरीन की तारीफ कर रही है।निकहत जरीन भारत की बेटी है जिन्होंने विदेश की सर जमीन पर महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियन में गोल्ड मेडल जीतकर हमारे देश का मान बढ़ा दिया है।
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निकहत को कुछ ऐसी उपाधि मिली है कि सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया भर में निकहत की प्रशंसा हो रही है। इतना ही नहीं निकहत लड़कियों के लिए एक आदर्श बन चुकी है । खासकर की वह लड़कियां जो खेल और एथलिट के क्षेत्र में जाकर कुछ बनकर दिखाना चाहती है।
निकहत की सफलता इसलिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उसने और उनके परिवार ने समाज की बहुत ही आलोचनाएं झेलनी पड़ी थी। रुढि और कट्टरवादी सोच के खिलाफ निकहत ने अपने सपनों को परवान चढ़ाया था। निकहत जरीन का सफर आसान नहीं था बल्कि इस जीत को हासिल करने के लिए उन्होंने कई प्रकार की शारीरिक मानसिक और सामाजिक यातनाएं भी जेली है।
14 जून 1996 को तेलंगाना के निजामाबाद में जन्मी निकहत जरीन के पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद और मां का नाम परवीन सुल्ताना है। निकहत जरीन के परिवार में उनसे दो बड़ी बहनें और एक छोटी बहन है। चार बेटियों के पिता जमील अहमद सेल्समैन हैं और मां गृहणी हैं। वैसे आपको बता दें कि जमील अहमद खुद पूर्व फुटबॉलर और क्रिकेटर रह चुके हैं। निकहत ने कम उम्र में ही अपनी राह तलाश कर सिर्फ 13 साल की उम्र में बॉक्सिंग की शुरुआत की थी।