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Plastic Road: 1 लाख किमी की सड़क प्लास्टिक कचरे से बनी, प्लास्टिक संकट खत्म करने का क्या यही है उपाय?

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Plastic Road: केंद्र सरकार सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरे का यूज उस सामग्री का उचित इस्तेमाल करने के लिए कर रही है। जिसे अन्यथा पुनर्नवीनीकरण नहीं किया जाता है। हिंदुस्तान टाइम्स की सिस्टर पब्लिकेशन हिंदुस्तान में यह बताया कि अभी तक प्लास्टिक कचरे से एक लाख किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा चुका है। यह ज्यादा टिकाऊ, सस्ती तथा गड्ढा रहित है।

प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाने की मिल गई राह



दशकों बाद से प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाने की राह मिल गई है। प्लास्टिक से पर्यावरण को नुकसान पहुंचने वाला खतरा भी कम होगा। इसके खाने से पशुओं की जान नहीं जाएगी तथा कूड़ा बीनने वाले की अतिरिक्त कमाई होगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जुलाई 2016 में सड़क निर्माण में ठोस तथा प्लास्टिक कचरे का उपयोग करने की घोषणा की थी।

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वरिष्ठ अधिकारी ने बताया



एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 10 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग में 10 प्रतिशत प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया गया। सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा गुणवत्ता एवं क्षमता के अध्ययन के बाद से जनवरी 2017 में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, नगर निगम, जिला सड़के, नगर निकाय आज सड़कों के निर्माण में 10 प्रतिशत कचरे का प्रयोग करने का आदेश जारी हुए।

Plastic Road एक लाख किलोमीटर की सड़कें बन चुकी है 11 राज्यों में



अधिकारी ने यह बताया कि देश के 11 राज्यों में एक लाख किमी सड़कें बन चुकी हैं तथा चालू वित्त वर्ष में यह आंकड़ा दोगुना बढ़ेगा। असम में इस वर्ष पहली बार राजमार्गों में एनएचएआईडीसीएल प्लास्टिक कचड़े का प्रयोग शुरु हो गया है। इंडियन रोड कांग्रेस ने कोड आफ प्लास्टिक के नए मानक नंबर वर्ष 2013 में तैयार किए थे। हालांकि प्लास्टिक कचरे को सड़क निर्माण में उपयोग करने का ये विश्व का यह पहला कोड ऑफ प्लास्टिक है।

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Plastic Road में 1.6 टन कचरे का उपयोग यूपी गेट के पास



270 किमी लंबे जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग में प्लास्टिक का कचरा मिलाया गया। नोएडा सेक्टर 14ए में महामाया फ्लाईओवर तक सड़क निर्माण में 6 टन प्लास्टिक कचरा लगा। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के उत्तर प्रदेश गेट के पास 2 किलोमीटर सड़क के लिए 1.6 टन प्लास्टिक कचरा लगा। हालांकि दिल्ली के धौलाकुआं से एयरपोर्ट जाने वाले एक किमी राजमार्ग में प्लास्टिक कचरे का उपयोग हुआ।

इन जगहों पर भी निर्माण चल रहा है



लखनऊ, इंदौर, चेन्नई, पुणे, जमशेदपुर आदि शहरों में प्लास्टिक कचरे की सड़कें बनाई जा रही हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय की पांच लाख तथा अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्र में 50 किमी के दायरे में प्लास्टिक कचरे के लिए कलेक्शन सेंटर बनाने की योजना है।

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हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक…



हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक कई सारे रोड कंस्ट्रक्शन एजेंसीज अब तक प्लास्टिक कचरे से 1 लाख किमी से ज्यादा सड़के बना ली हैं। प्लास्टिक कचरे को रोड कंट्रक्शन में उपयोग करने वाला यह विश्व का पहला कोड आफ प्लास्टिक है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्ष 2016 में सड़क निर्माण में ठोस तथा प्लास्टिक कचरे का उपयोग करने की घोषणा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक इस पायलट प्रोजेक्ट में 10 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग में 10 प्रतिशत प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल हुआ है।

सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टिट्यूट के आदेश के मुताबिक इस कंट्रक्शन में 10 प्रतिशत प्लास्टिक कचरे का प्रयोग किया गया। जहां पर नोएडा सेक्टर 14ए में महामाया फ्लाईओवर तक सड़क निर्माण में 6 टन प्लास्टिक कचरा उपयोग हुआ। उम्मीद यही है कि इस प्रोजेक्ट से प्लास्टिक के निपटान में बहुत बड़ी मदद होगी।







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