Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा में देवरेठा एरिया में स्थानीय लोगों ने करीब 6 कॉलोनियों के नाम बदलकर नरक पुरी, बदबू विहार, घिनौना नगर, कीचड़ नगर जैसे नाम रख दिए हैं। लोगों ने अपने इस क्षेत्र के विकास न होने से नाराज होकर ऐसा कदम उठाया है। जब अफसरों को इस बात का पता चला तो टीम भेजकर पोस्टर हटवाए।
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यूपी के Agra जिले में एक अजीब मामला सामने आया है यहां के देवरेठा में रहने वाले आधा दर्जन कॉलोनी के लोगों ने नगर निगम से नाराज होकर कॉलोनी का नाम बदलकर नरक पूरी, घिनौना शहर, कीचड़ नगर ,आदि रखा है और इसके पोस्टर भी लगवा दिए।
जब प्रशासन के अफसरों को इस बात की खबर मिली तो आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारीयों ने मौके पर जाकर इन पोस्टरों को हटवाया।
इस वर्ष स्वच्छ भारत के अभियान के तहत सर्वेक्षण में आगरा को उत्तर प्रदेश में छठवां स्थान प्राप्त हुआ है। इस सर्वेक्षण के आंकड़ों की असलियत को चुनौती देते हुए वहां के लोगों ने कॉलोनियों के नाम बदल कर उनके पोस्टर लगवा दिए थे। बाद में यह पोस्टर आगरा विकास प्राधिकरण के द्वारा हटाया गया।
Agra को उत्तर प्रदेश के सफाई अभियान में छठवां दर्जा प्राप्त होने के बाद भी वहां के स्थानीय क्षेत्रों में विकास ना होने के कारण और गंदगी फैले होने का कारण वहां के लोगों ने मोहल्ले का नाम बदल कर आगरा विकास प्राधिकरण को चुनौती दिया था। लेकिन बाद में अधिकारियों के द्वारा यह पोस्टर हटवा दिए गए और एडीए के सचिव के द्वारा कहा गया है। कि अगर आप लोगों को विकास चाहिए इसके लिए आपको शुल्क देना होगा।
अधिकारियों ने कॉलोनी के लोगों को वार्निंग दिया है कि दोबारा इस तरीके के पोस्टर ना लगवाएं और जब स्थानीय लोगों ने उनसे प्रश्न किया कि इस क्षेत्र का विकास क्यों नहीं हो रहा है तो इस पर एडीए के सचिव का जवाब था कि अगर आपको विकास चाहिए तो इसका शुल्क पे करना होगा।
वहां के स्थानीय निवासी और उपाध्यक्ष विशाल शर्मा का कहना है किस क्षेत्र में वर्ष 2008 में सड़क पारित की गई थी और इसके निर्माण के लिए 2.5 करोड़ रुपए दिए गए थे। लेकिन ठेकेदार ने यह कार्य अधूरा छोड़ दिया।
पिछले 14 सालों से यहां के लोग सड़क और सीवर लाइन को पूरा करने की मांग को लेकर परेशान हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। तो कोई नेता क्षेत्र के विकास पर ध्यान दे रहा है और ना ही आगरा विकास प्राधिकरण। यहां पर रहने वाले 20 हजार लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
विशाल वर्मा का कहना हैं कि हमने जब परेशान होकर अपने कालोनियों का नाम बदला तो स्थानीय अधिकारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर वहां के सभी पोस्टर को फाड़ दिया और यहां के विकास कार्य कराने को लेकर वे इंकार कर रहे हैं।
बता दें कि यह विवाद पिछले सप्ताह शुरू हुआ, जब अवध पुरी, मान सरोवर, नवनीत नगर आदि के साथ ही देवरेठा क्षेत्र में आधा दर्जन कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने कॉलोनी के नाम बदलकर क्षेत्र के विकास के लिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध शुरू कर दिया।
लोगों ने विरोध के नाम पर मोहल्लों का नाम बदलकर नरक पुरी, कीचड़ नगर, घिनौना नगर आदि रखकर इनके नाम के पोस्टर लगा दिए। इस कॉलोनी में अर्जुन पुरस्कार पाने वाले क्रिकेटर दीप्ति शर्मा, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर दीपक चाहर और राहुल चाहर भी रहते हैं।
लोगों ने भाजपा के विधायक और सूबे की सरकार में मंत्री बेबी रानी मौर्य और भाजपा सांसद राजकुमार चाहर के द्वारा अनदेखी करने की शिकायत है। कॉलोनी के महिलाओं का कहना है कि बेबी रानी मौर्य जब चुनाव में वोट मांगने आई थीं तो बहुत बड़े-बड़े वादे कर गई थीं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कभी कॉलोनी के तरफ मुड़कर भी नही देखा।
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Agra के स्थानीय लोगों ने बताया कि गंदगी और जलभराव के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर राहुल चाहर ने तो अपना मकान तक बेचकर कहीं और शिफ्ट हो गए है। अब वे कभी इस कॉलोनी में नहीं आते हैं।यहां के निवासी लता शर्मा ने कहा कि विधायक के चुनाव जीतने के बाद हमने दोबारा शक्ल नही देखी, वोट मांगते समय वो बड़े-बड़े वादे करके गई थीं।लेकिन हमारे कॉलोनी कोई भी विकास का काम नहीं हुआ है।
यहीं की रहने वाली शशि शर्मा का कहना है कि जलभराव की समस्या बहुत बड़ी है। स्कूल बस बच्चों को लेने घर तक नहीं आ पाती है।जिसके वजह बच्चों को स्कूल छोड़ने जाना पड़ता है। आने जाने में बहुत परेशानी होती है।यहां की रहने वाली गुड्डी देवी ने कहा कि बच्चों के लिए खेलने तक की कोई जगह नहीं है।
वहीं दूसरे निवासी प्रह्लाद सिंह ने बताया कि 14 महीने से हम अपनी समस्या को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। जिला पंचायत से हमने सर्वे भी करवा लिया। एस्टीमेट भी बनकर तैयार गया। कई बार हम विधायक से मिल चुके हैं, लेकिन हमारी समस्या कोई समाधान नहीं हुआ है।