पटना सीरियल ब्लास्ट में एनआईए कोर्ट ने 1 नवंबर यानी आज 9 आतंकियों के खिलाफ सजा का ऐलान कर दिया है। 9 आतंकवादियों में से कोर्ट ने दो को उम्र कैद, चार को फांसी, 2 को 10 साल और एक को 7 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के मतानुसार हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम तथा मो. मोजिबुल्लाह अंसारी को फांसी की सजा सुनाई गई है। अजहरुद्दीन तथा उमर सिद्दीकी को उम्र कैद की सजा दी है। इसके अलावा अहमद हुसैन तथा फिरोज आलम उर्फ़ पप्पू को 10 साल व इफ्तियार आलम को 7 साल की सजा सुनाई गई है। और इसमें खास बात यह है कि 7 साल की सजा इफ्तियार की पूरी हो चुकी है।
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27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट मामले में पटना के गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद से 31 अक्टूबर 2013 को एनआईए ने किस संभाला तथा 1 नवंबर को दिल्ली एनआईए थाने में फिर से इसकी प्राथमिकता दर्ज की गई। इसमें नाबालिक सहित 12 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। उनमें से एक की मौत इलाज के समय ही हो गई थी। वही जुवेनाइल बोर्ड के द्वारा नाबालिग आरोपी को पहले से ही 3 वर्ष की कैद की सजा सुनाई जा चुके हैं।
आपको बता दें कि पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली थी। उस समय पीएम मोदी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। उस समय रैली के अलावा भी पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 10 पर भी एक धमाका हुआ था। वहां 6 लोग मारे गए थे। जबकि 80 से अधिक लोग जख्मी भी हुए थे।
पटना के गांधी मैदान में होने वाले नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली अक्टूबर 2013 के ठीक 1 दिन पहले यानी कि 26 अक्टूबर को गांधी मैदान से 25 मीटर की दूरी पर पुलिस को एक लावारिस ब्रीफकेस बरामद हुआ था। हालांकि डॉग स्क्वाॅयड तथा बम निरोधक दस्ते की जांच के बाद से वो ब्रीफकेस खाली पाया गया था। जब दूसरे दिन ही गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट हुआ तो लोग ये सोचने पर मजबूर हो गया कि क्या खाली ब्रीफकेस रखना भी आतंकवादियों की एक चाल थी।