Parliament Suspended MPs: संसद के दोनों सदनों से शीतकालीन सत्र में सोमवार को 78 सांसद निलंबित किए गए हैं। विरोध प्रदर्शन के लिए सांसदों को कक्ष के अंदर निलंबित किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन कोई नई बात नहीं है। बीते कई वर्षों में सदन की कार्यवाही बाधित करने और अमर्यादित व्यवहार के लिए बहुत बार बड़ी संख्या में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।
HIGHLIGHTS:
शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों ही सदनों से सोमवार को 78 सांसद निलंबित किए गए हैं। इन सांसदों को कक्ष के अंदर विरोध प्रदर्शन के चलते निलंबित किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन लोगों के लिए अब कोई नई बात नहीं रह गई है।
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1989 में लोकसभा के 63 सांसदों को करीब एक सप्ताह तक के लिए निलंबित किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की जांच के लिए गठित ठक्कर आयोग की रिपोर्ट पर सांसदों में काफी रोष था। माफी मांगने के बाद निलंबन वापस हो गया।
2010 में महिला आरक्षण विधेयक पर अमर्यादित व्यवहार के चलते राज्यसभा के 7 सांसदों को निलंबित किया गया।
यह सांसदों के निलंबन का एक अप्रत्याशित मामला था। तत्कालीन यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान तेलंगाना के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए 8 कांग्रेस सदस्यों को निलंबित किया गया। सभी 8 सांसद तेलंगाना के क्षेत्र के थे और ये अलग तेलंगाना राज्य की मांग कर रहे थे।
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तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने साल 2013 में 12 सांसदों को 5 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था। ये सांसद आंध्र प्रदेश से अलग कर नए तेलंगाना बनाए जाने का विरोध कर रहे थे और इसे लेकर ही संसद में काफी जमकर हंगामा हुआ था।
13 फरवरी 2014 को तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आंध्र प्रदेश के 18 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। इन सांसदों को तेलंगाना के मुद्दे पर सदन में अव्यवस्था फैलाने के कारण निलंबित किया गया था।
इन सांसदों को लगातार जानबूझकर सदन को बाधित करने के लिए निलंबित किया गया। लोकसभा के सांसद पोस्टर लेकर लगातार ही नारे लगा रहे थे। 25 सांसदों को 2015 में निलंबित भी किया गया।
तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 2019 में 45 सांसदों को संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए निलंबित किया था। महाजन ने पहले 24 एआईएडीएमके के सांसदों को निलंबित किया। इसमें एआईएडीएमके, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के सांसद शामिल थे।
राज्यसभा में दो कृषि विधेयक पारित किए जाने के दौरान ही अमर्यादित व्यवहार के लिए 21 सितंबर 2020 को 8 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।
2021 में संसद के मानसून सत्र के दौरान ही अमर्यादित और आक्रामक व्यवहार के वजह से सदस्यों को शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।