Goa Congress: गोवा में विधायकों का कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का क्रम जारी है। इस घटनाक्रम से जहां पूरी कांग्रेस पार्टी डरी हुई है तो पार्टी के बड़े नेताओं का बयान भी आ रहा है।
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आपको बताते चलें कि कांग्रेस के 8 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए हैं । पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत समेत गोवा राज्य के 11 कांग्रेसी विधायकों में से आठ बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए, जिससे विपक्षी दल कांग्रेस को गहरा धक्का लगा है। 40 सदस्यीय प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के अब सिर्फ तीन विधायक बचे हैं जिनके नाम कार्लोस फरेरा, यूरी अलेमाओ और अल्टोन डी कोस्टा ही बचे हैं।
इस विषय पर बात करने पर पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि गोवा की राजनीति का अभिशाप विधायकों की ‘खरीदारी’ है। 2014 के बाद से, भारतीय बाजार में एक थोक खरीदार है। एक दिन, थोक खरीदार भारत के लगभग सभी विधायकों को खरीद लेंगे और भारत के मतदाताओं का मजाक उड़ाएंगे। तब मतदाता क्या करेंगे।”
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गोवा में “ऑपरेशन लोटस” के खिलाफ कांग्रेस ने बीजेपी पर धावा बोला है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि, “भारत जोड़ो यात्रा की विजिबल सक्सेस के कारण गोवा में बीजेपी ने ऑपरेशन कीचड़ तेजी से चलाया, बीजेपी घबराई हुई है, यात्रा को कमजोर करने के लिए डायवर्जन और दुष्प्रचार का डेली डोज दिया जाता है, हम अडिग हैं, हम बीजेपी की इन गंदी चालों से उबरेंगे”।
इस साल गोवा में फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में 40 सीटों में से भाजपा गठबंधन को 25 सीट तो कांग्रेस को 8 सीटों मिली थीं । कांग्रेस के ये विधायक काफी समय से पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे थे। बताया जा रहा है कि प्रदेश स्तर की राजनीति को लेकर वह राहुल गांधी से बातचीत के लिए समय मांग रहे थे लेकिन समय न मिलने की वजह से उन लोगों ने इस्तीफा दे दिया।
Goa Congress, इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को कुछ इसी तरह की बगावत का सामना करना पड़ा था। तब पार्टी के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद 2 और विधायक बीजेपी में चले गए थे। गोवा विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं लेकिन सरकार नहीं बना पाई थी । 13 सीटें जितने के बावजूद बीजेपी गठबंधन सरकार बनाने में सफल रही थी।