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IDBI Bank Privatisation: इस सरकारी बैंक को बेचने की तैयारी हुई पूरी, सरकार जल्द बोलियां आमंत्रित करेगी

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IDBI Bank Privatisation: सरकार ने निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अब IDBI (Industrial Development Bank of India) बैंक के निजीकरण की तैयारियां पूरी कर ली हैं और इस बैंक के लिए शुरुआती बोलियां जल्द ही आमंत्रित की जाएंगी । बुधवार को दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने इस बात की जानकारी दी है । उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इसके लिए EOI (एक्सप्रेशन ऑफ इंटररेस्ट) पर काम कर रही है और जल्द ही IDBI बैंक के निजीकरण के लिए निवेशकों से बोलियां आमंत्रित करेगा । इस बात की जानकारी दीपम सचिव तुहिन कांत पांडेय ने FICCI-CAPCAM-2022 के 19 वें वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन में बोलते हुए दी ।

क्या बोले दीपम सेक्रेटरी

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भारत के निवेश और लोक सम्पत्ति प्रबंधन विभाग(DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडेय बुधवार को नई दिल्ली में FICCI-CAPCAM-2022 के 19 वें वार्षिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम इस पर काफी समय से काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि यह अपने तरीके का पहला ट्रांजेक्शन है जहां बोलियों के माध्यम से हम किसी बैंक का निजीकरण करेंगे । बता दें कि IDBI बैंक में सरकार की इस वक्त हिस्सेदारी 45.48 % है जबकि एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24% है। यही नहीं एलआईसी इस बैंक का प्रवर्तक भी है ।

बता दें कि सरकार और एलआईसी की आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी 94 % है । दीपम सचिव ने कहा कि हम आशय पत्र(EOI) पर अभी काम कर रहे हैं और यह जल्द ही जारी किया जाएगा ।

पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर निकल आया है बैंक

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दीपम सचिव तुहिन कांत पांडेय ने ये भी बताया कि IDBI बैंक ने वित्तीय सुधार करते हुए प्रदर्शन सुधारा है जिसके चलते वह करीब चार साल बाद RBI की त्वरित सुधारात्मक कार्यवाही(पीसीए) ढांचे से बाहर आ गया है । बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले वर्ष मार्च 2021 में बेहतर वित्तीय प्रदर्शन करने के बाद आईडीबीआई बैंक को करीब 4 साल बाद पीसीए से बाहर ला दिया था । बता दें कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मई 2021 में आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक विनिवेश और मैनेजमेंट कंट्रोल के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी ।

ये है सरकार का लक्ष्य

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सरकार का इस वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में विनिवेश के जरिये 65 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है । सरकार इस पर तेजी से काम भी कर रही है और अब तक करीब 24544 करोड़ जुटा लिए हैं । बता दें कि सरकार ने इस वर्ष विनिवेश के जरिए जितनी राशि जुटाई है उसमें से ज्यादातर इस साल मई में भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी को सूचीबद्ध करने से हासिल हुई है ।

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