China Taiwan के बीच की कला से आप सभी परिचित होंगे और आप यह भी जानते होंगे कि अक्सर यह खबरें आती रहती हैं जब चीनी विमान ताइवान की सीमा में घुस जाते हैं और फिर दोनों देशों के बीच में तनाव बढ़ जाता है, ऐसी ही एक घटना फिर सामने निकल कर आई है
जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि चीन के लगभग 30 लड़ाकू विमान ताइवान की सीमा में दाखिल हुये, जिससे अचानक से ताइवान की स्थिरता खतरे में आ गई हालांकि कुछ समय उड़ान भरने के बाद यह विमान वापस हो गए लेकिन इस तरह ताइवान के क्षेत्र में चीनी विमानों का जाना कोई शुभ संकेत नहीं है। इसकी वजह क्या है और इसके परिणाम क्या हो सकते हैं सभी बातें विस्तार से करेंगे,आप हमारे साथ अंत तक बने रहे।
इस पोस्ट में
सबसे पहले हम आपका ध्यान चीन और ताइवान के विवाद की तरफ लाना चाहते हैं,आपको बता दें कि China Taiwan को अपना हिस्सा मानता है जबकि ताइवान अपने आप को स्वतंत्र राष्ट्र इसीलिए दोनों के बीच में अस्तित्व और संप्रभुता की लड़ाई है, जो काफी लंबे समय से जारी है।
चीन का हमेशा से यह प्रयास है कि वह ताइवान को अपने क्षेत्र में विलीन कर ले परंतु ताइवान को किसी भी शर्त पर यह मंजूर नहीं है इसीलिए चीन समय-समय पर अपनी ताकत प्रदर्शित कर ताइवान को डराने का प्रयास करता रहता है,ऐसा ही प्रयास उसने कल भी किया और अपने 30 विमान ताइवान की सीमा में भेज दिए।
वैसे तो चीन का जब मन होता है तब वह 2-4 लड़ाकू विमान ताइवान की सीमा में भेज देता है लेकिन इस बार वजह कुछ अलग है, आपको बता दें कुछ ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ताइवान को लेकर कुछ बयान दिए जिसमें उन्होंने यह कहा कि अगर चीन ताइवान पर आक्रमण करता है तो यह वैसा ही होगा जैसा रूस ने यूक्रेन के साथ किया है,
इसके अलावा भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई बातें कहीं ,इन सभी मुद्दों को लेकर के चीन भड़क गया और उसने तीखी प्रतिक्रिया भी दी। जैसा कि विशेषज्ञ बता रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति को प्रतिक्रिया देने और दुनिया को अपनी ताकत दिखाने के उद्देश्य से ही चीन ने अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान की सीमा में भेजा था लेकिन ताइवान चीन के इन हरकतों से डरता है या नहीं यह तो समय आने पर ही पता चलेगा हालांकि अभी तक ताइवान सीना तान कर खड़ा है।
जैसा कि हम आपको बता रहे हैं कि चीन के लगभग 30 लड़ाकू विमान ताइवान की सीमा में शामिल हुए तो आपको यह बता देना भी जरूरी है कि आखिर ये कौन से विमान थे बता दें कि यह विमान ताइवान के दक्षिण-पश्चिम एयर डिफेंस आईडेंटिफिकेशन जोन में शामिल हुए थे इसमें से 2,अवाक्स ,6 J-16 ,8 J-11, व 4 J-10 विमान तथा कई युद्धक जेट थे।
आपको बता दें कि यह सभी चीन के घातक लड़ाकू विमान है और इनका ताइवान की सीमा में प्रवेश करना ताइवान के लिए किसी भी तरीके से शुभ संदेश नहीं है दोनों देशों के बीच में तनाव और बढ़ गया है।
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आप यह बिल्कुल भी मत सोचिएगा कि जब चीन के 30 लड़ाकू विमान ताइवान की सीमा में घुसे तो ताइवान डर गया होगा बल्कि इसके उल्टा ताइवान ने तुरंत हवाई चेतावनी जारी की और अपने मिसाइल रक्षा प्रणाली सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया, ताइवान के इस एक्शन से घबराकर कुछ ही देर बाद चीन के सारे घुसपैठिए विमान वापस लौट गए बता दें कि भले ही चीन बार बार ताइवान को अपनी ताकत दिखाते हुए डराने का प्रयास करता है लेकिन ताइवान अपनी बात से जरा सा भी पीछे नहीं हट रहा है और हर बात का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति इस बात की ओर इशारा कर रही है कि अगर इन दोनों देशों के बीच में तनाव बढ़ता है तो यहां पर भी युद्ध की वैसे ही स्थितियां बन सकती हैं जैसी रूस और यूक्रेन के बीच में बनी हुई है।
इससे एशिया तो प्रभावित होगा ही साथ ही साथ पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा, China Taiwan के बीच अगर कभी भी युद्ध होता है तो उसका सबसे ज्यादा प्रभाव भारत के ऊपर पड़ने वाला है, यही वजह है कि लगभग सभी देश जो इस युद्ध से प्रभावित हो सकते हैं
वह चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच में शांति बनी रहे,लेकिन वहीं पर अमेरिका जैसे देश बार-बार आग में घी डालने का काम करते रहते हैं ,हालांकि यह मामला कब तक ठंडा रहता है यह कोई नहीं कह सकता और जैसी स्थितियां बन रही है उसके हिसाब से कभी भी चीन और ताइवान के बीच में युद्ध छिड़ सकता है।