इस पोस्ट में
Nestle के कई प्रॉडक्ट्स है जिनको हम सभी कंज्यूम करते हैं जैसे Meggie, Kit Kat, Nescafe और Cerelac आज हर घर में नेस्ले का कोई ना कोई प्रोडक्ट आपको देखने को मिल जाएगा। ऐसे में अगर इनके दाम में बदलाव आता है तो इसका असर हमारी जेब ऊपर पढ़ना लाजमी है।
खबरें आ रही है कि कंपनी नेस्ले इंडिया अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ा सकती है। कंपनी के हालिया स्टेटमेंट में एक बार फिर प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाए जाने का इशारा मिल रहा है।
अभी पिछले महीने ही नेस्ले इंडिया ने अपने कुछ प्रोडक्ट के दाम बढ़ाए हैं जैसे नेस्ले इंडिया ने मैगी मसाला नूडल्स के 70 ग्राम वाले पैकेट के दाम को 12 से ₹14 तक कर दिया है वही मैगी की कीमतों में कंपनी ने 9 से 16 प्रतिशत तक का इजाफा किया है जो की मार्च से लागू होगा।
कम्पनी का कहना है कि प्रमुख रॉ मैटेरियल और पैकेजिंग मैटेरियल्स की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं कंपनी अपने इनपुट कॉस्ट को रिकवर करने के लिए फिर से प्रोडक्ट्स की कीमतों में इजाफा कर सकती है।
Nestle इंडिया ने बीते दिनों मार्च तिमाही का रिजल्ट जारी किया रॉ मैटेरियल्स(raw materials) और पैकेजिंग मैटेरियल्स(packaging materials) की अधिक कीमतों के चलते मार्च तिमाही में नस्ले के प्रॉफिट पर भी असर पड़ा है कंपनी ने कहा है कि खाने के तेल, काफी, गेहूं और तेल जैसे महत्वपूर्ण कमोडिटीज के दाम का आउटलुक में आने वाले समय में तेजी बने रहने का इशारा मिल रहा है। अब आगे इनके दामों में कितना बदलाव होगा ये देखने वाली बात होगी।
कम्पनी ने कहा है कि जैसा पिछले तिमाही में हाईलाइट किया गया था महत्वपूर्ण रॉ और पैकेजिंग मैटेरियल्स की कीमतें 10 साल के हाई पर हैं इस तिमाही भी दाम चढ़ते रहे और इसका प्रॉफिट पर बहुत बुरा असर पड़ा।
मार्च 2022 में खत्म तिमाही के दौरान कंपनी का लाभ सवा एक फ़ीसदी से घटकर 594.7 एक करोड़ रह गया कंपनी ने पिछले वर्ष की समान अवधि में 602.25 करोड रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।
नेस्ले इंडिया के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में इसकी शुद्ध बिक्री 9.74 फ़ीसदी बढ़कर 3950.90 करोड़ रुपए हो गई जो पिछले वर्ष समान अवधि में 3600.20 करोड़ रुपए थीं।
कंपनी ने बताया कि जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान उसका कुल खर्च 12.98 फीसदी बढ़कर 3195.90 करोड रुपए हो गया जो इससे पिछले साल की इसी अवधि में 2828.61 करोड रुपए था।
हालांकि नेस्ले इंडिया की घरेलू बिक्री बढ़ी है घरेलू स्तर पर बिक्री 10.93 फ़ीसदी बढ़कर 3794.26 करोड रुपए हो गई जो कि पिछले वर्ष समान अवधि में 3442.03 करोड रुपए थी और निर्यात 0.96 फ़ीसदी की गिरावट के साथ 156.64 करोड रुपए रह गया जो पिछले वर्ष समान अवधि में 158.17 करोड रुपए था।
जब कैमरे में पकड़े गए मास्टर साहेब बच्चे को छड़ी से मरते, फिर सुनिए उनका जवाब
गुरुवार को नेस्ले इंडिया ने यह भी कहा कि इनपुट कॉस्ट ग्लोबली और लोकली दोनों लेवल पर बढ़ रहे हैं किसानों को दुधारू जानवरों को खिलाने के लिए लागत बढ़ रही है इस कारण की वजह से ताजे दूध की भी कीमत बढ़ने की आशंका है। शॉर्ट टर्म से लेकर मीडियम तक महंगाई अहम फैक्टर बने रहने वाली है हालांकि कंपनी को भरोसा है कि वह स्ट्रेटजी एफिशिएंसी और प्राइसिंग जैसे उपायों से इस व्यवधान का सामना कर सकते हैं और न्याय पूर्ण तरीके से इन उपायों का इस्तेमाल करेंगे,
लेकिन अगर कंपनी अपने स्ट्रेटजी के जरिए इनपुट कॉस्ट नहीं मैनेज कर पाती है तो प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने की भी संभावना है और इसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ने वाला है। अब आने वाले समय में लोगो की जेब पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है ये देखना होगा।