MS Dhoni
Happy Birthday Ms Dhoni: ICC की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले दुनिया के इकलौते कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (mahendra singh dhoni) अपनी जिंदगी के 40 पड़ाव पार कर आज 41 साल के हो चुके हैं। महेंद्र सिंह धोनी का आज 7 जुलाई को 41वां बर्थडे है। इन दिनों एमएस धोनी (MS Dhoni) लंदन में हैं और वहीं पर वो अपना बर्थडे सेलिब्रेट करेंगे। Dhoni ने अपने करियर में 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले एमएस धोनी अभी भी IPL खेल रहे हैं। IPL 2022 में उनकी टीम चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) का प्रदर्शन प्रशंसनीय नहीं रहा है।
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महेंद्र सिंह धोनी (mahendra singh dhoni) उन कई सफल क्रिकेटरों में से एक हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत डक के साथ की थी। इस दिग्गज क्रिकेटर के बारे में और बात आपको बताते चलें कि महेंद्र सिंह धोनी टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाले पहले कप्तान हैं। फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया था। सौरव गांगुली की कप्तानी में डेब्यू करने वाले एमएस धोनी राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और विराट कोहली की कप्तानी में इंटरनेशनल क्रिकेट खेले हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अभूतपूर्व सफलता होने के बावजूद, एमएस धोनी (MS Dhoni) ने कभी रणजी ट्रॉफी या कोई घरेलू टूर्नामेंट नहीं जीता है। साल 2009 में 41 साल में न्यूजीलैंड की धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने वाले धोनी ही पहले भारतीय कप्तान थे। माही 2008 और 2009 में ICC ODI प्लेयर ऑफ द ईयर थे। उन्हें 2007 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार , 2009 में पद्म श्री पुरस्कार और 2018 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कप्तान के तौर पर उन्होंने 2010 और 2016 में दो एशिया कप जीते। वहीं 2016 के एशिया कप के दौरान 30 जून 2017 को वनडे में 200 छक्के लगाने वाले एमएस धोनी पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। एमएस धोनी ने विकेटकीपर के रूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 829 आउट किए हैं जो मार्क बाउचर और एडम गिलक्रिस्ट के बाद तीसरा सबसे अधिक है।
उन्होंने 535 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने 350 वनडे, 90 टेस्ट मैच और 98 टी20 में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। कुल मिलाकर उन्होंने 288 टी20 मैचों में कप्तानी की है जो किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे अधिक है।
धोनी ने 2010 से 2019 तक CSK के लिए लगातार 143 मैच खेले हैं। जनवरी 2019 में 10000 वनडे रन बनाने वाले धोनी 5वें भारतीय खिलाड़ी बने थे। उन्होंने IPL में बतौर कप्तान 100 से अधिक मैच जीते हैं। 2013 में उन्होंने ने भारत को लगातार छह टेस्ट मैच जीत दिलाई, जो देश के लिए एक रिकॉर्ड है।
धोनी की एक बात बड़ी ही दिलचस्प है उन्होंने अपने पूरे करियर में 7 नंबर जर्सी पहनी। उनकी तुलना क्रिस्टियानो रोनाल्डो से हो रही हैं।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रन आउट से की और अंत भी उसी तरह से हुआ। धोनी दिसंबर 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ और 2019 में भारत के लिए अपने अंतिम वनडे मैच में रन आउट हुए थे।
कप्तान विराट कोहली जानते हैं कि महेंद्र सिंह धोनी की टीम में क्या अहमियत है, तभी तो कोहली इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि धोनी को कभी किसी की सलाह की आवश्यकता नहीं है। वह खुद जानते हैं कि उन्हें कौन से समय पर क्या करना है यह सिर्फ कहने की बात नहीं है बल्कि मैदान पर भी अक्सर नजर आता है। जब टीम गेंदबाजी करती है तो बॉलर को एडवांस देना फील्डिंग में कुछ बदलाव करना या डीआरएस लेने या न देने का फैसला, इस बारे में भी धोनी की राय ही सबसे अहम होती है।
अब इसे इत्तेफ़ाक़ ही कहे या फिर कुछ और ही लेकिन धोनी न तो सैयद किरमानी की तरह विकेट कीपिंग करते है और न ही फ़ारूख इंजीनियर की तरह धुआंधार सलामी बल्लेबाज़। बावजूद इन सभी बातों के धोनी भारत के सबसे क़ामयाब विकेट कीपर होने के साथ-साथ क़ामयाब बल्लेबाज़ और कप्तान भी रहे हैं।
MS Dhoni ने अपने करियर में हमेशा चौंकाने वाले निर्णय लिए हैं। कुछ ऐसा ही नजारा तब देखने को मिला जब उन्होंने बिना किसी तरह का हल्ला मचाए ही टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी की टोपी कोहली के सिर पर रख दी थी। इसके बाद उन्होंने one day और टी-20 में भी कप्तानी भी छोड़ दी और टेस्ट क्रिकेट को तो अलविदा ही कह दिया।
बतौर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने IPL में Chennai Super Kings को तीन बार चैंपियन बनाया है। उन्हीं की कप्तानी में ही भारत ने पहली बार ICC Champions Trophy जीती तो पहली बार आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी नंबर एक बना था।
महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसे क्रिकेटर हैं जिनके खाते में ढेरों कामयाबियां और ढेरों किस्से दर्ज हैं। IPL में उनकी टीम चेन्नई सुपर किंग्स को स्पॉट फिक्सिंग जैसे मामलों में उलझकर दो साल के लिए आईपीएल से बाहर होना पड़ा था लेकिन 2018 में धोनी ने अपने ही दम पर चैंपियन बनाकर उसकी वापसी की थी।
MS Dhoni पर यह आरोप भी लगे हैं कि राहुल द्रविड़, गौतम गंभीर,वीवीएस लक्ष्मण और वीरेंद्र सहवाग को उनकी वजह से ही टेस्ट क्रिकेट छोडना पड़ा था। किंतु, इस बात को अगर हम पॉजिटिव तरीके से सोचते हैं तो महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दूसरे खिलाड़ी भी ऊपर कर सफल बने हैं। रोहित शर्मा एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें धोनी में ही वनडे क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज बनाया है। विकेट के पीछे आज भी धोनी बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ा खतरा होते है। पलक झपक कर ही स्टंप करने में उनका कोई सानी है ही नहीं।
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अपने लंबे बालों के कारण पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ से तारीफ़ बटोरने वाले महेंद्र सिंह धोनी छक्का लगाकर मैच जिताने में भी माहिर रहे हैं। वक़्त के साथ साथ धोनी कभी आह तो कभी वाह से दो चार होते रहे लेकिन मैदान पर शायद ही कभी उन्होंने दूसरे खिलाड़ियो की तरह जोश में बल्ला घुमाया हो या मैच जिताने के बाद ख़ुशी से उछल पड़े हों।
धोनी हमेशा ‘कैप्टन कूल’ कहलाते रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी के बारे में बहुत कुछ कहा सुना जा चुका है कि उनकी कोई भी बात हमें नई लगती ही नहीं। बावजूद इसक भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर अक्सर कहते रहते हैं- वो चाहते हैं कि उनकी आंखों के सामने हमेशा वह समां रहे जब धोनी ने 2011 का विश्व कप फाइनल श्रीलंका के ख़िलाफ़ छक्का जमाकर जिताया था तो शायद इससे बड़ी बात और कोई हो ही नहीं सकती।
वैसे भी एमएस धोनी (MS Dhoni) ने इस अंदाज़ में न जाने कितने मैच भारत को जिताए हैं। अब बस यह उम्मीद रही है आज उनकी ज़िंदगी का नया पन्ना उनकी क़ामयाबी का एक नया इतिहास लेकर आएगा।