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Turkey: भारत से जिसके लिए गिड़गिड़ा रहे कई देश, तुर्की ने खराब बताकर लौटाया..

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Turkey: भारतीय गेहूं की खेप लेने से तुर्की के अधिकारियों ने इनकार कर दिया है। तुर्की का यह कहना है कि इनके गेहूं में रूबेला वायरस मिला है। रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद से तुर्की में गेहूं संकट पैदा हो गया है। इसके बावजूद भी उसने 29 मई को भारतीय गेहूं की खेप लौटा दी। अधिकारियों का यह कहना है कि खेप के गेहूं में फाइटोसैनिटरी की समस्या है। तुर्की वर्तमान में मुश्किल समय से गुजर रहा है। देश में महंगाई का स्तर 70 फ़ीसदी को पार कर चुका है तथा चारों तरफ तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयब एर्दोगन की आर्थिक नीतियों की आलोचना हो रही है।

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एसएंडपी रिपोर्ट के मुताबिक…



बता दें कि तुर्की ने 56,877 टन गेहूं के खेप के साथ ही अपनी जहाज को गुजरात की कांधला बंदरगाह लौटा दिया है। एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। खबरों के अनुसार तुर्की के एक व्यापारी ने यह कहा कि भारतीय गेहूं में रूबेला वायरस पाया गया है। जिस वजह से देश के कृषि मंत्रालय ने इसे वापस लौटाने का फैसला लिया है। ये जहाज मध्य जून तक गुजरात लौटेगा।

भारत बना संकट मोचन निर्यात पर बैन के बावजूद


Turkey इस वक्त गंभीर गेहूं संकट से जूझ रहा है। एर्दोगन सरकार विदेशों से गेहूं खरीदने के विकल्प तलाश रही है। भारत ने घरेलू मांग को देखते हुए ही गेहूं निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है। लेकिन इसके बाद से भी 12 देशों ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। हालांकि निर्यात पर रोक के बावजूद भी भारत ने मिस्त्र को 60 हजार टन गेहूं की खेप भेजी थी। ना सिर्फ तुर्की बल्कि पूरी दुनिया इस समय छोटे-बड़े गेहूं संकट से जूझ रही है। जिसकी वजह से रूस यूक्रेन युद्ध है। जिसने की ग्लोबल सप्लाई चैन को भी प्रभावित किया है।

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बाकी देश भी चिंता में Turkey के फैसले से



रूस व यूक्रेन दोनों ही गेहूं के बड़े उत्पादक हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स के अनुसार अफ्रीका एवं मिडिल ईस्ट में खाई जाने वाली हर दूसरी से तीसरी रोटी यूक्रेन गेहूं से बनी होती है। ग्लोबल मार्केट में दुनिया का एक चौथाई गेहूं रूस व यूक्रेन से ही आता है। तुर्की के इस फैसले ने मिस्र समेत अन्य देशों को भी दुविधा में डाल दिया है। जहां पर कुछ ही दिनों में भारतीय गेहूं पहुंचने वाला है। संकट से जूझ रहे देश गेहूं के लिए अब भारत पर ही निर्भर हैं। ऐसे में भारत के गेहूं को लेकर तुर्की की शिकायतें संकटग्रस्त देशों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।

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भारत सरकार ने गेहूं निर्यात पर लगाया बैन


आपको बता दें कि भारत सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया। जिससे स्थिति और भी खराब हो गई। घरेलू स्तर पर गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ये फैसला लिया था। चूंकि अचानक से भारत के गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने से बंदरगाहों पर करीब 18 लाख टन अनाज फंस गया। इससे ट्रेडर्स को भी काफी भारी नुकसान उठाना पड़ा।

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