Maharashtra Politics: Shiv Sena New Name and Sign: चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने शिंदे गुट (Eknath Shinde) का चुनाव चिन्ह तय किया है। EC ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) वाले गुट को ढाल और तलवार चुनाव चिन्ह दे दिया है। इससे पहले भी निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना को ‘मशाल’ चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था। वहीं, आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देकर चुनाव चिन्ह के रूप में ‘त्रिशूल’ की मांग के उद्धव गुट के दावे को खारिज किया।
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शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच विवाद को लेकर सोमवार को निर्वाचन आयोग ने एक आदेश जारी करते हुए उद्धव ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम के तौर पर ‘शिवसेना – उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम दिया, वहीं एकनाथ शिंदे के गुट को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ नाम दिया गया था।
चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा ‘त्रिशूल’ और ‘गदा’ को चुनाव चिन्ह के तौर पर आवंटित किए जाने के दावे को भी खारिज किया। साथ ही निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा कि दोनों धड़ों ने बताया ‘उगता सूरज’ चुनाव चिन्ह तमिलनाडु और पुडुचेरी में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के लिए पहले ही आरक्षित था।
आयोग (Election Commission of India) ने शिंदे गुट (Shinde) से मंगलवार सुबह दस बजे तीन चुनाव चिन्हों की सूची दाखिल करने करने का आर्डर जारी किया था। इस बात से यह समझ में आता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने राजनीतिक दलों को धार्मिक अर्थ रखने वाले चुनाव चिन्ह आवंटित करने के मामले में बहुत ही सख्त रुख अपनाया हुआ है। वहीं, महाराष्ट्र में शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों में से दोनों ने “त्रिशूल” और “उगता हुआ सूर्य” चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित करने की बात रखी थी।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत का दावा करते हुए करते हुए शिंदे ने दावा किया था कि उनके पास शिवसेना के 55 में 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 12 का समर्थन है। वहीं महाराष्ट्र में उद्धव के इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे ने बीजेपी की सहायता से अपनी सरकार बनाते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों द्वारा पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह (Name and Sign) का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी। वही, निर्वाचन आयोग ने पार्टी के दोनों गुटों द्वारा नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा किए जाने की पृष्ठभूमि में एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा था कि वे सोमवार तक पार्टी के लिए तीन-तीन नये नाम और चुनाव चिन्ह बता दें। उस बाद आयोग दोनों गुटों द्वारा सुझाए गए नामों और चुनाव चिन्हों में से उन्हें किसी एक का इस्तेमाल करने की अनुमति देगा।
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शिवसेना (Shiv Sena New Name and Sign) में जून में दो फाड़ होने के बाद दोनों गुटों ने स्वयं के ‘असली शिवसेना’ होने का दावा कर आयोग में पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित करने का अनुरोध किया था। इससे पहले आयोग ने दोनों गुटों से अपने-अपने दावों के समर्थन में आठ अगस्त तक सभी दस्तावेज और विधायी तथा संगठन के समर्थन का साक्ष्य जमा करवाने का निर्देश दिया था।
Maharashtra Politics, हालांकि, बाद में ठाकरे गुट के अनुरोध पर इस समय सीमा को बढ़ाते हुए सात अक्टूबर कर दिया गया था। वही 4 अक्टूबर को शिंदे गुट ने निर्वाचन आयोग से अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में ‘शिवसेना के नाम और तीर-कमान के चुनाव चिन्ह’ का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी।
Maharashtra Politics, वहीं, शनिवार को इस दावे पर अपना जवाब सोते हुए ठाकरे घुटने विरोधी गुट के सभी दस्तावेजों और दावों का अध्ययन के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा है। इस बात पर आयोग ने जवाब दिया है कि अंतरिम आदेश आवश्यक है क्योंकि उपचुनाव तीन अक्टूबर को अधिसूचित किए जा चुके हैं।
इसके अलावा आयोग ने अपने आदेशों में यह बात का उल्लेख भी किया है कि,
“दोनों गुटों में से भी किसी को भी ‘शिवसेना’ के लिए आरक्षित चुनाव चिन्ह ‘तीर कमान’ का इस्तेमाल करने की परमिशन नहीं दी जा रही है। दोनों गुट अब उन नए नामों से ही पहचाने जाएंगे जिसका वे चुनाव करेंगे।”