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Maharashtra: राज ठाकरे ने फैसला लिया वापस, कहा- ईद के दिन नहीं करें हनुमान चालीसा का पाठ

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Maharashtra: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने 3 मई को मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करने के फैसले को वापस ले लिया है । उन्होंने मराठी और अंग्रेजी में एक हस्ताक्षरित पत्र को साझा कर इस बात की जानकारी दी । ज्ञात हो कि 19 अप्रैल को मनसे प्रमुख ने घोषणा की थी कि 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन Maharashtra के मंदिरों में “Maharashtra सैनिक” हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।

बता दें कि कल यानी 3 मई को ईद भी मनाई जानी है । मनसे प्रमुख ने ट्वीट करते हुए कहा कि सामाजिक सौहार्द बनाये रखने के चलते वह अपना फैसला वापस लेते हैं ।

उन्होंने पत्र में लिखा,” कल ईद है । मुस्लिम समुदाय के इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाना चाहिए । ऐसा मैंने कल भी कहा था जब सम्भाजी नगर में जनसभा की थी। मैं सभी Maharashtra सैनिकों से आग्रह करता हूँ कि कल के दिन अक्षय तृतीया पर महाआरती नहीं करें ।

हम नहीं चाहते कि समाज मे किसी भी तरह का तनाव फैले । हम सामाजिक समानता के पक्षधर हैं । हमने पहले भी कहा है कि लाउडस्पीकर विवाद धार्मिक नहीं सामाजिक मुद्दा है जिससे तमाम तरह की दिक्कतें आती हैं । लाउडस्पीकर विवाद के बारे में आगे क्या करना है इसकी जानकारी मैं सोशल मीडिया के माध्यम से आप सब तक पहुँचाऊँगा।”

3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने का दिया था अल्टीमेटम

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मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने Maharashtra सरकार को 3 मई तक सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने के लिए अल्टीमेटम दिया था । ऐसा नहीं होने पर उन्होंने चेतावनी दी थी कि मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे । उन्होंने उद्धव ठाकरे सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि 3 मई तक सारी मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतार दिए जाएं ।

उन्होंने कहा था ,” यदि मुस्लिम दिन में 5 बार नमाज करते हुए लाउडस्पीकर बजायेंगे तो हम भी 5 बार हनुमान चालीसा का पाठ मस्जिदों के सामने करेंगे। आपको समझना होगा कि यह धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक समस्या है जिससे हम सबको दिक्कत होती है ।”

कल औरंगाबाद रैली में दिए बयान से पलट गए मनसे चीफ

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मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कल औरंगाबाद की रैली में जमकर भाषण दिया था । न सिर्फ अपने पुराने बयानों पर कायम रहे थे बल्कि उन्होंने पुनः महाराष्ट्र सरकार को मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने के लिए 3 मई की डेडलाइन को भी दोहराया था। उन्होंने कल संभाजीनगर की जनसभा में कहा था,” आज महाराष्ट्र का पहला दिन है( महाराष्ट्र दिवस) और मैं चौथे दिन तक नहीं रुकूँगा । अगर 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतारे गए तो मैं नहीं जानता कि अगले दिन क्या होगा ।

मैं अपनी बात फिर से दोहरा रहा हूँ । मुझे 3 मई तक किसी भी मस्जिद में लाउडस्पीकर नहीं चाहिए वरना हम मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजायेंगे । ” राज ठाकरे यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा,” संभाजीनगर में 600 मस्जिदें हैं । मुझे नहीं मालूम उन्हें मस्जिदों पर लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति किसने दी । ये लाउडस्पीकर 3 मई तक नीचे आने चाहिए। “

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रैली में भड़काऊ भाषण न देने की शर्त का किया था उल्लंघन

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पिछले कुछ दिनों से मनसे प्रमुख लाउडस्पीकर को लेकर राज्य में राजनीति गर्माये हुए हैं । कल औरंगाबाद में हुई जनसभा की भी उन्हें अनुमति इस शर्त पर मिली थी कि वह कोई भड़काऊ बयानबाजी नहीं करेंगे जिससे राज्य की शांति व्यवस्था में खलल पड़े ।

इसके बावजूद राज ठाकरे ने न सिर्फ लाउडस्पीकर को लेकर हमलावर रहे बल्कि उत्तेजक भाषणबाजी भी की थी । जिससे सरकार पहले से उनपर नजरें टेढ़ी किये हुए तो थी ही अब मनसे प्रमुख पर कार्यवाही का दबाव भी उद्धव सरकार पर आने लगा है ।

सूत्रों के अनुसार राज्य के गृहमंत्रालय ने जनसभा में दिए उनके भाषण की रिकॉर्डिंग और वीडियो फुटेज मंगवाए हैं । उद्धव सरकार राज ठाकरे पर रोक के बावजूद भड़काऊ बयानबाजी के चलते कानूनी कार्यवाही करने के मूड में है । बता दें कि राज ठाकरे के भड़काऊ भाषण की शिकायत औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील ने भी प्रशासन से की है ।

24 घण्टे में ही पलट दिया अपना फैसला

जहां कल राज ठाकरे जोर शोर से लाउडस्पीकर उतारने और जवाब में हनुमान चालीसा बजाने की बात कर रहे थे वहीं आज उनके एकाएक तेवर ढीले पड़ गए और उन्होंने अपनी के दिनों से दिए जा रहे 3 मई के अल्टीमेटम को वापस लेते हुए अपना फैसला वापस ले लिया । रातों रात यह बदलाव क्यों और कैसे हुआ यह तो सिर्फ मनसे प्रमुख ही बता सकते हैं ।

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