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Karnataka Carpenter Shark: कर्नाटक के मालपे में मिली दुर्लभ ‘बढ़ई शार्क’, वजन है 250 किलोग्राम और 24-25 फीट लंबाई

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Karnataka Carpenter Shark

Karnataka Carpenter Shark: कर्नाटक में एक दुर्लभ शार्क मछली पकड़ी गई है जिसे देखकर लोगों की आंखें फट गई । जानकारी के अनुसार यह दुर्लभ मछली ‘सॉफिश’ प्रजाति की है। इस शार्क मछली को बढ़ई शार्क भी कहा जाता है। इस शार्क मछली की लंबाई 23-25 फीट होती है।

लीलैंड नाव के जाल में फंस गई थी बढई शार्क

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मैंगलोर सिटी नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने सॉफिश के ये दृश्य साझा किए है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कर्नाटक में पाई गई इस विशाल ‘बढ़ई शार्क’ का वजन करीब 250 किलोग्राम है। ये शार्क गलती से ‘सी कैप्टन’ नाम की एक लीलैंड नाव के जाल में फंस चुकी थी।

लुप्तप्राय प्रजाति है  ‘बढ़ई शार्क’

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एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ‘बढ़ई शार्क’ एक लुप्तप्राय प्रजाति है, बढते हुए समुद्री प्रदुषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण इस मछली की आबादी में बड़ी ही तेजी से गिरावट आई है। ये मछली वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची  के अंतर्गत भारत में एक संरक्षित दरियाई प्रजाति हैं।

अभी कुछ सालों से हमें आए दिन ही लुप्तप्राय प्रजातियों के पकड़े जाने की खबर मिलती रहती है। की बार ये प्रजातियां जिवित अवस्था में पाई जाती है तो की बार ये मृत अवस्था में पाई जाती है। कुछ दरियाई जीव, जो हमेशा समुद्र की गहराई में ही रहते हैं अब उन्हें भी कुछ मौकों पर समुद्र के उपरी सतह पर देखा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह जीव बढ़ते समुद्री प्रदुषण के कारण उपरी सतह पर नजर आने लगे हैं।

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द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 10 फुट की इस मछली को समुद्र के पानी से क्रेन की मदद से मछुआरों ने तट पर लाया था। बढ़ई शार्क की एक झलक पाने के लिए बंदरगाह पर लोगों की भीड़ जमाहो गई थी।  करीब 250 किलोग्राम वजन वाली इस शार्क को समुद्र के गहरे पानी से ‘सी कैप्टन’ नामक नाव के  मछुआरों ने पकड़ा था। मत्स्य बंदरगाह में लाए जाने के बाद इस शार्क को मंगलुरु के एक व्यापारी को बेच दिया गया था।

हालांकि, लुप्तप्राय और संरक्षित प्रजातियों की नीलामी करने से अब मछुआरे भी  मुश्किल में पड़ सकते हैं। मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त निदेशक गणेश ने इस बात की  पुष्टि करते हुए इस  घटना की जांच शुरू कर दी है ।

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