Kanpur रेलवे स्टेशनों पर पानी के अलावा खाने पीने की तमाम चीजों के आसमान छूते दामों से हम सभी परिचित ही होंगे । महंगे दामों के अलावा स्टाल और वेंडर प्रिंट रेट से अधिक भी वसूलते पाए जाते हैं । कुछ ऐसा ही कानपुर के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर मौजूद फ़ूड स्टाल और वेंडर कर रहे थे । उत्तर मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर(GM) प्रमोद कुमार के पास भी ऐसी शिकायतें आ रही थीं जिसमे तय रेट से अधिक चार्ज लिए जाने की सूचना उन्हें मिली थी ।
रेलवे के GM प्रमोद कुमार ने इसकी तफ्तीश करने का प्लान करके ब्रह्मपुत्र मेल से बुधवार रात प्रयागराज से कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन आ पहुंचे । अधिकारियों को यह सूचना दी गयी कि GM को कानपुर से श्रमशक्ति एक्सप्रेस से दिल्ली जाना है सो किसी ने ज्यादा गौर नहीं किया । GM प्रमोद कुमार ने जांच करने का मन बनाकर अपने कक्ष के पिछले दरवाजे से बाहर निकले और प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए । एक यात्री से गमछा लिया और सर पर लपेट कर खुद ही तफ्तीश करने प्लेटफार्म नम्बर 6-7 पर उप सचिव विजय कुमार संग आ पहुंचे गए ।
प्लेटफार्म पर मौजूद स्टाल से उन्होंने एक पानी की बोतल खरीदी। रेल नीर की बोतल में प्रिंट रेट 15 ₹ लिखे होने के बावजूद वेंडर ने उनसे 20 ₹ मांगे, इसपर उन्होंने प्रिंट रेट का हवाला दिया तो वेंडर ने उल्टी-सीधी बातें कहीं इसपर जनरल मैनेजर ने तुरंत एक्शन लेते हुए कानपुर सेंट्रल के 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया । जबकि महंगे समान बेच रहे वेंडर को भी स्टेशन से बाहर निकलवा दिया और स्टेशन पर आना प्रतिबंधित करवा दिया।
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GM प्रमोद कुमार ने तत्काल प्रभाव से कानपुर सेंट्रल स्टेशन के 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया । ओवर बिलिंग का मामला खुद के साथ घटित होने के बाद जनरल मैनेजर ने कार्यवाही करते हुए 5 पर्यवेक्षक स्तर के अधिकारियों को सस्पेंशन लेटर थमा दिया । जिन 5 अफसरों को सेंट्रल स्टेशन पर महंगे समान बेचे जाने की वजह से सस्पेंड किया गया उनमें से खानपान निरीक्षक अशोक बैरवा, एस एस मिश्रा, वाणिज्य निरीक्षक विजय शर्मा, मुख्य टिकट निरीक्षक(स्टेशन) वीके तिवारी और पब्लिक परिवाद निरीक्षक श्री मति शादाब शामिल हैं ।
बताया जा रहा है कि प्लेटफार्म पर मौजूद वेंडर इन्ही अधिकारियों की मिलीभगत से सामान महंगे दामों पर यात्रियों को बेचते हैं। बता दें कि जांच में महंगा समान बेचते हुए दोषी पाए गए प्लेटफॉर्म नम्बर 7 के फ़ूड स्टाल को सील कर दिया गया है जबकि इस स्टाल को स्टेशन से हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
Kanpur रेलवे स्टेशनों पर महंगे दामों में सामान बेचना फ़ूड स्टॉल संचालकों और वेंडरों की अपनी मजबूरी है । अगर फ़ूड स्टाल का ठेका लेने वाले संचालक महंगे दाम पर सामान यात्रियों को नहीं बेचें तो उन्हें घर चलाना मुश्किल हो जाएगा । ऐसा इसलिए है क्योंकि फ़ूड संचालकों को रेलवे स्टेशन पर दुकान लगाने के लिए रेलवे से लाइसेंस प्राप्त करना होता है । 4 साल के लिए मिले लाइसेंस के लिए फ़ूड स्टाल संचालकों को लाखों रुपये प्रति वर्ष रेलवे को देने पड़ते हैं । यदि बात यहीं तक हो तक कोई बात नहीं । फ़ूड स्टाल संचालकों को और भी कई जगह पैसा भेजना पड़ता है ।
इसके अलावा रेलवे की तरफ से मिलने वाली महंगी बिजली भी है। फ़ूड संचालकों को स्टाल पर बिजली के लिए एक यूनिट के 10 रुपये तक देने पड़ते हैं । बात यहीं खत्म नहीं होती डयूटी पर लगे सिपाही भी स्टाल से सामान ले लेते हैं और पैसा भी नहीं देते । यदि पैसा मांगने की कोशिश की तो कार्यवाही की धमकी देते हैं । इन सब के चलते फ़ूड संचालकों को महंगे दाम पर सामान बेचना मजबूरी हो जाता है ।
एक वेंडर ने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि 4 साल के लिए फ़ूड स्टॉल का लाइसेंस मिलता है । हर साल रेलवे को लाखों रुपए देने होते हैं । एक क्रेट रेल नीर में 12 बोतलें आती हैं जिनमे से कुछ तो ड्यूटी कर रहे सिपाही ही फ्री में ले लेते हैं । ऊपर से महंगी बिजली और हर महीने 5 जगह पैसा भेजना पड़ता है । इनमें से रेलवे के खानपान अधिकारी, हेल्थ और ऊपर के अधिकारी शामिल हैं ।
बता दें कि कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन में हर प्लेटफार्म पर फ़ूड स्टॉल मौजूद हैं । सेंट्रल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 1 से लेकर 9 तक मे 29 फ़ूड स्टॉल संचालित हैं । इन फ़ूड स्टालों से करीब 246 वेंडर कार्य करते हैं जो कि स्टॉल के हिसाब से ट्रेन के कोच और प्लेटफॉर्म पर रेल नीर और अन्य खानपान की वस्तुएं बेचते हैं ।
फ़ूड स्टाल संचालक हर वर्ष का लाखों का रेवेन्यू तो रेलवे को देते ही हैं । इससे इतर फ़ूड संचालक और वेंडरों को सेंट्रल स्टेशन में 5 जगहों पर पैसा (रिश्वत) भेजना पड़ता है । ये वही अफसर हैं जो रेलवे स्टेशन पर महंगे सामान बेचे जाने के लिए जिम्मेदार होते हैं । इन अफसरों के पास हर महीने पैसा फ़ूड संचालक भेजते हैं ताकि वह 15 की रेल नीर की बोतल 20 रुपये में बेच सके । रेलवे स्टेशन पर ये खेल कर्मचारियों से लेकर बड़े अफसरों तक चलता है ।
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इन सबकी कीमत रेलवे से सफर करने वाले यात्री और जरूरतमंद अपनी जेब से चुकाते हैं । यदि फ़ूड स्टॉल का ठेका प्राप्त किये वेंडर लोग इन अफसरों को हर महीने पैसा न भिजवाएं तो अफसर फ़ूड स्टॉल पर छापा पड़वा देते हैं । ऐसे में फ़ूड स्टॉल चलाने वाले दुकानदार यात्रियों को महंगे दामों में सामान बेचकर भरपाई करते हैं ।
उतर मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर प्रमोद कुमार ने कहा कि फ़ूड स्टालों और वेंडरों की शिकायत मिलने पर कार्यवाही की है । रेलवे स्टेशन पर महंगे खानपान के सामान मिलने की बाबत स्टेशन, सोशल मीडिया और fm स्टेशनों के माध्यम से सूचना प्रसारित की जा रही है । यदि कोई वेंडर या फ़ूड स्टाल संचालक मनमाने दाम पर सामान बेच रहा हो तो ग्राहक रेलवे हेल्प लाइन एप नम्बर 139 पर शिकायत करें ।