Journalist Rana Ayyub : ED यानी कि प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार तथा वाशिंगटन पोस्ट की काॅलमनिस्ट राणा अय्यूब के 1.77 करोड़ रुपए जप्त किए हैं। ED अधिकारी ने बताया कि उन्होंने कथित तौर पर अभियानों के लिए दिए गए दान का सही उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किया। ED ने मामला उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया था।
ED ने यह आरोप लगाया है कि राणा अय्यूब ने कोरोना, बाढ़ राहत तथा प्रवासियों के लिए 3 online अभियान शुरू किए थे। उन्हें FCRA की मंजूरी के बिना विदेशी योगदान भी मिला। ED तथा इनकम टैक्स की कार्यवाही के बाद उन्होंने विदेशी चंदा वापस कर दिया। हालांकि विदेशी चंदे की वापसी के बाद से भी करीब दो करोड़पति। लेकिन कथित तौर पर केवल और केवल 28 लाख रुपए का यूज़ किया गया था। ED ने यह आरोप लगाया है कि उन्होंने गोवा की यात्रा जैसी निजी खर्चे के लिए चंदे का उपयोग किया।
आपको बता दें कि Journalist Rana Ayyub ने कथित तौर पर दान के पैसे का इस्तेमाल करके 50 लाख रुपए की फिक्स डिपॉजिट यानी कि एफडी भी की। पूछताछ के दौरान ही उन्होंने ED को या बताया कि फिक्स डिपोजिट इसलिए किया गया ताकि उसे कुछ ब्याज मिल सके तथा एक अस्पताल भी बनाया। हालांकि बैंक मैनेजर ने राना अय्यूब के दाओं का कथित तौर पर खंडन किया है।
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दरअसल प्रोपेगैंडा पत्रकार Journalist Rana Ayyub के खिलाफ 7 सितंबर 2021 को गाजियाबाद के ही इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 403, 406, 418, 420, IT अधिनियम की धारा 66 डी तथा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट-2002 की धारा चार के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज किया गया था। इसमें अय्यूब पर यह आरोप लगाया गया था कि उसने चैरिटी के नाम पर गलत तरीके से आम जनता से धन वसूली भी की थी। हिंदू IT cell के विकास शाकृत्यायन ने अगस्त 2021 में यह FIR दर्ज करवाया था।
आपको बता दें कि प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि राणा अय्यूब पेशे से एक पत्रकार है तथा सरकार से किसी भी प्रकार की अनुमति या फिर रजिस्ट्रेशन के बिना ही वह विदेशी धन प्राप्त कर रही थी। हालांकि ऐसा करने के लिए विदेशी योगदान विनियम अधिनियम 2010 के अंतर्गत सरकार की अनुमति या फिर रजिस्ट्रेशन आवश्यक है।