Interesting Facts: इस साल का चुनाव देशवासियों को हमेशा याद रहेगा और ऐसा होने की पीछे की वजह हार जीत के अलावा परिवारों का अलगाव रहेगा। इस साल चुनावी मौसम में परिवार पर सियासत कुछ इस कदर हावी होकर
राजनीति में उलझकर रह गई कि परिवार तितर बितर हो गए। वैसे, सत्ता की लालच में अंधे होकर परिवार से बगावत करने का सिलसिला कोई नया नहीं है। किंतु, पिछले दिनों पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले ही परिवारों के भीतर राजनीतिक मतभेद खुलकर उभरे हैं।
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Interesting Facts उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले दिनों से ही सरगर्मियों का शमा लगातार ही जल रही है। वैसे तो समग्र भारत में दल बदल के किस्से सामने आए हैं लेकिन राजनीतिक घरानों की पारिवारिक रंजिश पर जनता की नजरे टीकी रहती है। वैसे युपी के पाॅलिटिक्स वर्ल्ड में पिछले दिनों भूचाल तब आया जब कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना इस्तीफा सौंपा था। इस घटना के कुछ दिन बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। वहीं, दुसरी तरफ उनकी बेटी संघमित्रा जो कि एक लोकसभा सांसद हैं, उन्होंने कहा कि वे सदैव ही बीजेपी की ‘निष्ठावान’ कार्यकर्ता हैं।
Interesting Facts दुसरा मामला है अपर्णा यादव, दरअसल, चुनाव से ठीक पहले ही मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बीजेपी का हाथ थाम लिया। यह मामला पूरे देश में ही चर्चा का विषय बना था। अर्पणा ने भाजपा में शामिल होने के बाद अपने ससुर मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद भी लिया था। वैसे भी अर्पणा यादव और अखिलेश यादव के बीच काॅल्ड वाॅर की दिवाली बनी हुई है। पिछले साल भी कोरोना वेक्सिन को लेकर अपर्णा ने जेठ अखिलेश यादव के खिलाफ अपनी राय पेश की थी। इन दिनों भी अपर्णा ने यही निवेदन दिया कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का तरीका उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं है।
Interesting Facts देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते, आदर्श शास्त्री ने साल 2013 में ऐप्पल की नौकरी छोड़ आम आदमी पार्टी जॉइन को जोइन किया था। खांटी कांग्रेसी परिवार से आने वाले आदर्श का यह कदम घरवालों को बड़ा ही नागवार गुजरा था और इसका नतीजा यह हुआ की आदर्श को पिता ने पुश्तैनी घर से ही बाहर निकाल दिया था। आदर्श का हर जगह मजाक उड़ाया जाता। वैसे आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में आदर्श कांग्रेस में आ गए हैं और अब परिवार संग रहने लगे हैं।
Interesting Facts पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी के भाई मनोहर सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
Interesting Facts पंजाब में सत्ता की भेंट चढ़ी पारिवारिक रंजिश की एक और लड़ाई भी जारी है। दरअसल, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के छोटे भाई फतेह जंग सिंह पिछले साल दिसंबर में भाजपा के रंग में रंग गए थे । वैसे अब इन दोनों सगे भाइयों की लड़ाई खुलकर सामने आ चुकी है। कादियां सीट से प्रताप सिंह कांग्रेस की और से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि पड़ोसी बटाला सीट से फतेह जंग बीजेपी की और से।
Interesting Facts भारतीय राजनीति के इतिहास के पन्नों पर सत्ता की भेंट चढ़े इस परिवार के विघटन की इस कहानी को बड़े बड़े अल्फाजों में लिखा गया है। देश के राजनीतिक परिवारों में सबसे मशहूर खानदानों के बिखरने का सबसे बड़ा किस्सा है नेहरू-गांधी परिवार का। अपनी सास इंदिरा गांधी से अनबन के चलते संजय गांधी की विधवा मेनका गांधी ने कांग्रेस पार्टी तो छोड़ी ही थी, लेकिन घर का भी त्याग कर दिया। सालों से चली आ रही यह रंजिश और तल्खी आज तक बरकरार है।
Interesting Facts माधवराव सिंधिया और राजमाता विजय राजे सिंधिया के बीच बाद के दिनों में बेहद ही अनबन और कड़वाहट रही थी। अपनी किताब ‘The House of Scindias: A Saga of Power, Politics and Intrigue’ में लेखक रशीद किदवई ने लिखा हैं कि एक इंटरव्यू में माधवराव ने कहा था, ‘एक बार उन्होंने (मां) कहा कि मुझे हाथी के पैरों तले कुचलवा देना चाहिए था।’
न फसलें सुरक्षित, न जान, बड़ा चुनावी मुद्दा बन गए बेज़ुबान
विधानसभा चुनाव में जब मुलायम को दी थी डाकू ने चुनौती, जानिए पूरा मामला
मां-बेटे की यह दरार अगली पीढ़ी तक भी पहुंच गई है। साल 2001 से 2020 के बीच तक बुआ यशोधरा राजे और ज्योतिरोदित्य के बीच सिंधिया की राजनीतिक विरासत को लेकर तनातनी रही थी। वैसे तो अब ज्योतिरादित्य बीजेपी में विमान मंत्री के ओहदे पर हैं लेकिन उनके बीच की तल्खी आज भी बरकरार ही है।
कोंग्रेस नेता राजीव शुक्ला और पूर्व राज्यसभा सांसद की शादी बीजेपी के रविशंकर प्रसाद की बहन से हुई है। शुक्ला का कहना हैं कि वह अपना राजनीतिक और निजी जीवन अलग रखने में कामयाब रहे हैं।