Indore Family Court; कुटुंब न्यायालय से 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला को वर्षों इंतजार के बाद मिला है इंसाफ। चालबाज पति ने महिला को अपनी पति मानने से सीधे इनकार कर दिया था। फैमिली कोर्ट के सामने पीड़िता को पति ने बहन बता कर छुटकारा पाने की कोशिश की। लेकिन पत्नी ने भी फैमिली कोर्ट में सबूत पेश करने के बाद पति की चाल को नाकाम कर दिया। फैमिली कोर्ट ने भी पति से पत्नी का अधिकार दिलाया।
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एडवोकेट प्रीति मेहान के मुताबिक 73 वर्षीय महिला ने Indore Family Court में पत्ती से भरण पोषण का केस दर्ज कराया था। कोर्ट में इस मामले की आने के बाद से पति ने पत्नी मानने से इनकार करते हुए उसे बहन बता दिया। उसके बाद से कोर्ट ने बुजुर्ग महिला को इंसाफ देते हुए यह कहा कि पति उसे पत्नी माने तथा पति को आदेश दिया कि न्यायालय में भरण पोषण के केस दर्ज होने के कारण समय से खर्चा भी दे।
इसके साथ ही आने वाले प्रत्येक माह में पीड़िता को भरण-पोषण के लिए रुपए उपलब्ध कराया जाए। Indore Family Court आपको बता दें कि पीड़ित महिला कई सालों से पत्नी होने के बावजूद सबूत को लेकर कोर्ट में दर-दर भटक रही थी। फैमिली कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से 73 साल की बुजुर्ग महिला बेहद खुश है। उनका यह कहना है कि देर से ही सही जीत तो आखिरकार इंसाफ की हुई है।