India vs Bharat: खबरें आ रही है कि इंडिया का नाम अब भारत किया जाएगा और इसके लिए विशेष संसद सत्र भी बुलाया गया है। वही जी-20 डिनर के इनविटेशन में प्रेसिडेंट ऑफ भारत का उल्लेख किया गया है। ऐसे में इंडिया का नाम बदलकर भारत रखने की खबरों को काफी बल मिला है। हालांकि सवाल यह है कि आखिर इंडिया का नाम बदलकर भारत होगा तो इससे टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में क्या प्रभाव होंगे।
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भारत के नाम को “INDIA” से “भारत” में बदलने से तमाम भारतीय साइट्स पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह नाम केवल एक तार्किक परिवर्तन होगा और इंटरनेट और वेबसाइटों के स्वामित्व या संचालन पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
हालांकि, इस तरह के नामकरण के पीछे राजनीतिक, सांस्कृतिक या आलोचनात्मक मतभेद हो सकते हैं, और ऐसे मतभेदों के परिणामस्वरूप बदल सकते हैं। परंतु, इंटरनेट और वेबसाइटों पर नामकरण का कोई सीधा प्रभाव नहीं होगा।
India का नाम भारत में बदलने से वेबसाइट की पहचान में दिक्कत नहीं होगी क्योंकि यह केवल एक नाम का परिवर्तन होगा। वेबसाइटों की पहचान और उनके URL में यह परिवर्तन नहीं करेगा। यह अपने आप अपडेट हो सकता है, लेकिन यह किसी बड़ी समस्या का कारण नहीं बनेगा।
इंडियन वेबसाइट की पहचान ही India के तौर पर होती है और दुनियाभर में अधो वेबसाइट .In डोमेन से ही रजिस्टर्ड हैं। यानी इंडिया “डॉट इन” सभी भारतीय वेबसाइट की आइडेंडिटी है। ऐसे में अगर इंडिया का नाम भारत होगा, तो वेबसाइट्स की पहचान में कुछ हद तक दिक्कत हो सकती है।
हमारे भारतीय संविधान में भारत और इंडिया दोनों शब्दों का इस्तेमाल हुआ है। देश में रहने वाले लोग भी भी अंग्रेजी में India और हिंदी में भारत का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यदि संविधान में इंडिया को भारत किया जाता है, तो फिर अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही भारत का इस्तेमाल होगा।
India vs Bharat, वहीं .”IN” ccTLD (Country Code Top-Level Domain) का प्रतीक है और यह भारत के लिए प्रयुक्त होता है। इसे “कंट्री क्रोड टॉप लेवल डोमेन” के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह भारत की जीमेल डोमेन है जो वेबसाइटों और इंटरनेट ऐड्रेस के लिए उपयोग किया जाता है।
.IN का उपयोग भारत से जुड़ी वेबसाईट्स के लिए होता है, और इसका पंजीकरण भारतीय संस्था NIXI (National Internet Exchange of India) द्वारा किया जाता है। .IN के अंतर्गत कई सबडोमेन्स होते हैं, और ये विशेष उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होते हैं, जैसे कि “gov.in” जो सरकारी वेबसाइट्स के लिए है, और “mil.in” जो सैन्य वेबसाइटों के लिए है।
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यदि भारत का नाम India से बदल जाता है, तो .IN ccTLD को बदलने की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि .IN डोमेन पहले से ही व्यक्तिगत डोमेन के रूप में उपयोग हो रहे हैं, जैसे कि .BH, .BR, और .BT।
इससे जुड़े निर्णय को ध्यानपूर्वक और सुनिश्चित तरीके से लिया जाना होगा, जिसमें भारत सरकार, ICANN (Internet Corporation for Assigned Names and Numbers), और अन्य संबंधित प्राधिकृतियां शामिल हो सकती हैं। .IN ccTLD को .BHA, .BHRT, .BHARAT, या किसी अन्य डोमेन के रूप में बदलने के लिए विशेष प्रक्रिया और निर्णयों की आवश्यकता होगी।
क्योंकि यह डोमेन पहले से लिए जा चुके हैं। बहरीन का डोमेन .BH , ब्राजील का डोमेन .BR और भूटान का डोमेन .BT है। इस मुमकिन है कि भारत को .BHA, .BHRT या .BHARAT से डोमेन मिल जाए।
एक देश के नाम के बदलने से उस देश के ccTLD (Country Code Top-Level Domain) पर आमतौर पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं होता है, जब तक एक अलग प्रक्रिया नहीं शुरू की जाती है। 2016 में चेक रिपब्लिक से चेकिया हुआ लेकिन उसका टीएलडी ‘डॉट सीआर’ ही है क्योंकि उन्होंने उसे बदलने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं हुई।
इसी तरह, भारत के नाम के बदलने से .IN ccTLD पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा, जब तक सरकार और आधिकारिक संगठन इस पर नए निर्णय नहीं लेते। इस पर निर्णय लेने में बहुत सारे कारक शामिल होते हैं, जैसे कि आवश्यकताओं का मूल्यांकन, डोमेन प्राधिकरण के साथ चर्चा, और टेक्निकल प्रक्रिया का पालन करना।
India vs Bharat, जब एक देश का नाम बदलता है, तो उसके ccTLD को नए नाम पर रीडायरेक्ट करने की प्रक्रिया की जा सकती है। यह वेबसाइट ओनर को अपने डोमेन नेम को अपडेट करने की आवश्यकता होती है, जिससे उनकी वेबसाइट का URL, ईमेल एड्रेस और अन्य पहचान बदल जाती है।
डोमेन नेम को बदलने पर वेबसाइट ठप होने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक और उचित तरीके से किया जा सकता है ताकि वेबसाइट की उपयोगिता और विश्वसनीयता पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़े।
India vs Bharat, यदि किसी देश ने अपने नाम को बदला है और इसके साथ ccTLD को बदला है, तो यह बिना वेबसाइट को ठप किए उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। यह आमतौर पर वेबसाइट ओनरों के लिए स्मूद और सुविधाजनक होता है।
कई देशों ने अपने नाम को बदला है और इसके साथ अपने ccTLD को भी बदला है, जैसे 1972 में सिलोन से श्रीलंका, साल 1989 बर्मा में म्यांमार, साल 1993 में कम्पूचिया से कम्बोडिया, साल 2020 में हॉलैंड से नीदरलैंड और साल 2022 में तुर्की से तुर्किये हो गया।