रविवार को उत्तर प्रदेश को 310 स्पेशलिस्ट डॉक्टर मिले। सीएम योगी ने लोक भवन में डॉक्टरों को जॉइनिंग लेटर वितरित किया। इसके साथ ही साथ 15 जिलों में कोरोना के बायोसेफ्टी लेवल टू लैब का उद्घाटन किया। इस मौके पर सीएम योगी ने यह कहा कि राज्य में खत्म भी नहीं हुई थी कि आशंका जताई गई कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। उसी समय हम लोगों ने योजना बनानी शुरू कर दी थी। तब हमने यह सोचा था कि हम प्रदेश में कोरोना की लहर नहीं आने देंगे।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि तीसरी लहर विकसित देशों में आई है। लेकिन अभी प्रदेश में तीसरी लहर की कोई आशंका नहीं है। फिर भी इसके बावजूद भी सतर्कता व सावधानी बहुत जरूरी है।
प्रदेश की भीतर विशेषज्ञ चिकित्सकों की काफी कमी थी। विभाग की समीक्षा में बात भी करते रहे, विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए। आप सभी पर एक बड़ी जिम्मेदारी हैं, उसे भी मेहनत से सफल करना है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि एक चिकित्सक के प्रति सामान्य नागरिकों के मन में सम्मान का भाव है, लेकिन अभी हाल ही के दिनों में इसमें गिरावट आई है। एक वो समय था जब लोग चिकित्सकों को धरती का भगवान मानते थे, उस भावना को व्यवसायीकरण के कारण से ही चिकित्सकों ने खोया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी के समय में डॉक्टरों का एक बड़ा तबका अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सेवा की है। जबकि कोरोनावायरस का पहला मामला आगरा में देखने को मिला था, उस समय प्रयोगशालाएं नहीं थी इलाज की भी व्यवस्था नहीं थी। प्रदेश में 4.5 लाख जांच कर सकते हैं। जबकि पहले 36 जिलों में आईसीयु की व्यवस्था नहीं थी तथा अब 75 जिलों में आईसीयू की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश में 518 ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं, जबकि 31 और ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।