Agneepath Yojana: RPF और GRP ने गिरफ्तार मुख्य आरोपी पप्पू कुमार सिंह उर्फ रवि रंजन को पूछताछ करने बाद शनिवार को जेल भेज दिया है।
आरपीएफ के इंस्पेक्टर अजय कुमार यादव ने बतलाया कि पूछताछ में आरोपी पप्पू कुमार सिंह उर्फ रवि रंजन ने ट्रेन की बोगी में आग लगाने वाले एक दर्जन से ज्यादा उपद्रवियों का नाम सामने निकलकर आया है. बीते 16 जून को गोपालगंज के सिधवलिया रेलवे स्टेशन के पास ही गोरखपुर-पाटलिपुत्र मेल एक्सप्रेस की एक बोगी में आग लगा दी गई थी. इसको लेकर थावे जीआरपी थाना में 150 से ज्यादा अज्ञात उपद्रवियों के विरुद्ध FIR दर्ज भी की गयी थी।
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गोपालगंज, अग्निपथ योजना(Agneepath Yojana) के विरोध में गोरखपुर-पाटलिपुत्र मेल एक्सप्रेस की बोगी को आग के हवाले करने वाले मुख्य आरोपी पप्पू कुमार सिंह उर्फ रवि रंजन को मामले में जीआरपी(GRP) और आरपीएफ(RPF) ने गिरफ्तार कर लिया गया है। शनिवार को आरोपी से पूछताछ करने के बाद उसे जेल भी भेज दिया गया है। गिरफ्तार आरोपी महम्मदपुर थाना क्षेत्र के करसघाट गांव के निवासी भृगुनाथ सिंह का बेटा है। उसकी उमर 24 वर्ष है. पुलिस ने आरोपी से पूछताछ करने के बाद उपद्रवियों की तलाश में छापेमारी काफी तेज कर दी है।
आरपीएफ के इंस्पेक्टर अजय कुमार यादव ने बताया कि पूछताछ करने में आरोपी पप्पू कुमार सिंह उर्फ रवि रंजन ने ट्रेन की बोगी में आग लगाने वाले एक दर्जन से ज्यादा उपद्रवियों का नाम भी बताया है. उन्होंने बताया कि बीते 16 जून को गोपालगंज के सिधवलिया रेलवे स्टेशन के पास गोरखपुर-पाटलिपुत्र मेल एक्सप्रेस की एक बोगी को आग लगा दिया गया था. इसको लेकर थावे जीआरपी थाना में 150 से भी ज्यादा अज्ञात उपद्रवियों के विरुद्ध प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गयी थी।
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बिहार, गोपालगंज गिरफ्तार मुख्य आरोपी ने पुलिस को बताया कि वो सेना में भर्ती के लिए तैयारी भी करता था, वो फिजिकल परीक्षा में पास हो चुका था जिसके बाद वो आगे की तैयारी में भी लगा हुआ था. वहीं, गिरफ्तारी होने के बाद अब इस उपद्रव कांड में रेलवे बोर्ड को कानूनी कार्रवाई से संबंधित पुलिस रिपोर्ट भेजी जाएगी।
आपको बता दें कि सेना में भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना के विरोध में पिछले महीने राजधानी पटना समेत बिहार के विभिन्न हिस्सों में उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ और हिंसक प्रदर्शन भी किया था. इस दौरान ही कई ट्रेनों को आग के हवाले भी कर दिया गया था. इस हिंसा और आगजनी को देखते हुए अफवाहों पर रोक लगाने के मकसद से बिहार के 20 जिलों में चार दिन तक इंटरनेट सेवा को भी ठप कर दी थी।