Ram Nath Kovind: भारत के 14 वें राष्ट्रपति के तौर पर प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद का कार्यकाल आज से समाप्त हो रहा है । 25 जुलाई 2017 को भारत के 14 वें राष्ट्रपति बने श्री रामनाथ कोविंद संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में बतौर राष्ट्रपति आज अपना अंतिम भाषण पढ़ रहे हैं । बता दें कि संसद भवन के सेंट्रल हाल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का फेयरवेल रखा गया है जहां पर पीएम मोदी , वेंकैया नायडू, जेपी नड्डा सहित तमाम केंद्रीय मंत्री और गणमान्य उपस्थित रहे ।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन विदाई भाषण देते हुए भारतीय लोकतंत्र सहित तमाम मुद्दों पर बात की । उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की सराहना करते हुए इसे सबके लिए समान अवसर देने वाला बताया । श्री कोविंद ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र की खूबी ही है कि एक छोटे से गांव से और खेती किसानी वाले परिवार के बीच से निकलकर भी एक व्यक्ति भारत के सर्वोच्च पद तक पहुंच सकता है ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल के अंतिम दिन संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित विदाई समारोह में राष्ट्रपति का अंतिम भाषण सुनने को पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे ।
इस दौरान सेंट्रल हाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू , केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, स्मृति ईरानी,ओम बिड़ला सहित मोदी सरकार के तमाम केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद संसद भवन के खचाखच भरे सेंट्रल हाल में मौजूद सरकार के मंत्रियों सहित तमाम गणमान्य लोगों ने खड़े होकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को विदाई दी ।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन संसद भवन के सेंट्रल हाल में भाषण देते हुए तमाम मुद्दों पर अपने विचार रखे । भारतीय राजनीति की दशा और दिशा के अलावा राष्ट्रपति कोविंद ने लोकतंत्र, जलवायु परिवर्तन और भी बहुत से विषयों पर अपनी बात रखी । राष्ट्रपति कोविंद ने भारतीय राजनीति पर भी बात करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में सभी दलों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए ।
उन्होंने अपने राष्ट्रपति के रूप में अंतिम भाषण में भारत के प्रत्येक नागरिक का धन्यवाद अदा किया साथ ही उन सभी विधायकों आए सांसदों का भी धन्यवाद अदा किया जिन्होंने अपना अमूल्य मत देकर उन्हें देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचाया । उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आजादी का अमृत महोत्सव को स्मरणीय बताया है । सांसदों द्वारा संसद भवन में आयोजित किये गए फेयरवेल में भाषण देते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहा है ।
वहीं भारत की संसदीय प्रणाली को राष्ट्रपति ने एक परिवार की तरह माना है । उन्होंने कहा कि पारिवारिक मतभेदों को आपसी सद्भाव और शांति से हल किया जाना चाहिए ।
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के अंतर्गत आने वाले गांव परौंख में एक बेहद साधारण परिवार में जन्मे राष्ट्रपति कोविंद की जीवनयात्रा संघर्षों भरी रही है । दलित समाज से आने वाले कोविंद ने जहां प्रारंभिक शिक्षा गृहनगर कानपुर से ली वहीं डीएवी कॉलेज से स्नातक किया और सिविल सेवा की तैयारी हेतु वह दिल्ली आ गए । बता दें कि इस बीच श्री रामनाथ कोविंद ने वकालत की डिग्री भी हासिल की और प्रैक्टिस करते रहे ।
1991 में बीजेपी को जॉइन करने के बाद वह राज्यसभा के लिए भी नामित हुए वहीं प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के कार्यकाल में उनके कार्यकारी सहायक भी रहे । 2015 में बिहार का राज्य8 नियुक्त होने के बाद 2017 में बीजेपी के नेतृत्व वाली राजग( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किये गए । जहां राष्ट्रपति चुनावों में रामनाथ कोविंद ने विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के सामने करीब दो तिहाई वोट पाकर जीत हासिल की और देश के 14 वें राष्ट्रपति बने । उन्होंने अपने कार्यकाल में कई बिल पास किये जिनमे से जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना और उसे 2 राज्यों में अलग अलग करना शामिल रहा ।