Electricity Crisis: देश के कई राज्यों में पारा 44 डिग्री के ऊपर पहुंच चुका है तपती गर्मी लोगों को सता रही है। प्रचंड गर्मी लोगों पर कहर बनकर टूट रही है।यही वजह बिजली की कटौती से आम आदमी की मुश्किलें बढ़ रही है।
दरअसल भीषण गर्मी की वजह से देश भर में बिजली की मांग तेजी से बढ़ी और तमाम पावर प्लांट मौजूदा मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। लिहाजा कई राज्यों के तमाम शहरों में 3 से 7 घंटे तक बिजली गुल हो रही है। मौसम के कड़े तेवर के बीच लोगों की आफत बढ़ गई है।
इस पोस्ट में
आम आदमी के इस परेशानी के बीच सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि आखिर देश में वाकई बिजली की कितनी किल्लत हो रही है और इस संकट की असल वजह क्या है।
देश में गुरुवार को बिजली की मांग 201 गीगावॉट तक पहुंच गई जिसके चलते देश भर में 8.2 गीगावॉट बिजली की कमी दर्ज की गई थी। बिजली की यही कमी शहरों में कटौती के रूप में सामने आ रही है। गर्मी के मौसम में पावर संकट बढ़ रहा है। आने वाले समय में देखना होगा कि क्या बिजली कमी की पूर्ति हो पाएगी या अभी और दिक्कतें सामने आने वाली है।
जिन राज्यों में बिजली की सबसे ज्यादा कमी है उसमें झारखंड सबसे आगे हैं, झारखंड में कुल डिमांड की 17.3 फ़ीसदी की कमी दर्ज की गई है। वहीं जम्मू कश्मीर और लद्दाख में करीब 12 फ़ीसदी, राजस्थान में 9.6 फ़ीसदी, हरियाणा में 6.67 फ़ीसदी, उत्तराखंड में 6.59 फ़ीसदी बिजली की कमी दर्ज की गई। इसके साथ ही पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है।
Electricity Crisis से आम आदमी के माथे पर पसीना आते ही इसकी पड़ताल भी शुरू हो गई विरोधी दलों ने बिजली की किल्लत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया बिजली कटने की वजह पावर प्लांट्स को कोयले की सप्लाई ना होना बताया।
“पूरे देश के अंदर कोयले की बहुत भयंकर कमी है और इसका सबसे बड़ा कारण रेलवे की रैक और ट्रेंस की अवेलेबिलिटी कम है और कोयले की भी कमी है इसकी वजह से पूरे देश के अंदर जितने भी पावर प्लांट्स है उनके पास कोयले की गंभीर समस्या है।”
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या वाकई पावर प्लांट तक कोयले की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नहीं हो पा रही है इसका दावा तमाम गैर बीजेपी शासित राज्यों की ओर से किया जा रहा है।
कुछ आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र के 7 पावर प्लांट में कोयले की कमी है, राजस्थान के 7 में से 6 पावर प्लांट्स में पर्याप्त कोयला नहीं पहुंच रहा है, पश्चिम बंगाल के सभी 6, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 4 में से 3 प्लांट्स में कोयले की कमी है।
प्रधानाचार्या स्कूल में क्यों नहीं जाने दे रहीं थी फिर बाद में स्कूल में जो मिला वो देखिए
बिकने को तैयार है एक और सरकारी कम्पनी, क्या है तैयारियां
दिल्ली समेत कई राज्य लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं कोयला सप्लाई की कमी को ही बिजली कटौती की सबसे बड़ी वजह बता रहे हैं।
पावर संकट का सवाल उठने के साथ ही केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी इस पर जवाब दिया था 26 अप्रैल को थर्मल पावर प्लांट में 21 मिलियन टन का स्टॉक होने की बात कही थी हालांकि केंद्र के दावों के साथ साथ जमीनी हकीकत यही है कि कई राज्यों में लगातार बिजली की कटौती लगातार बढ़ती जा रही है जो कि गर्मी के मौसम में आम लोगों पर जबरदस्त सितम ढा रही है।