फ्रांस के उत्तर में सीन नदी के तट पर बसी है, कल्पनाओं की नगरी ‘पेरिस’। फ्रांस की राजधानी पेरिस (Eiffel Tower Paris) को फैशन की राजधानी और रोशनी का शहर भी कहा जाता है। इस शहर की जनसंख्या 22 लाख तथा 105.4 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाला शहर है। जिसे फ्रांस के सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर कहा जाता है। वर्ष 2017 में दो करोड़ 30 लाख लोगों ने पेरिस की यात्रा की थी। जिसने इस शहर को पर्यटन के मामले में दुनिया का नंबर वन शहर बना दिया था।
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फ्रांस की राजधानी पेरिस में एफिल टावर स्थित है। ये मानव द्वारा निर्मित एक खूबसूरत समस्या है। जिसको देखने के लिए लोगों की भीड़ आए दिन जमा रहती है। एक समय में एफिल टावर को दुनिया की सबसे ऊंची संरचनाओं के रूप में जाना जाता था। जैसे पूरे विश्व में भारत का ताजमहल फेमस है। उसी तरह से फ्रांस में एफिल टावर भी विश्व भर में लोकप्रिय स्मारक के रूप में जाना जाता है। ये यह दुनिया की खूबसूरत स्थलों में से एक है। एफिल टावर को देखने के लिए टिकट ले सकते हैं। एफिल टावर तीन मंजिल का है। पहली मंजिल जमीन से 58 मीटर ऊंचाई पर है। दूसरी मंजिल 115 मीटर तथा तीसरी 275 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। एफिल टावर की कुल लंबाई 324 मीटर है। फ्रांस की क्रांति की एक शताब्दी पूरी होने का जश्न मनाने के लिए सन् 1889 में पेरिस में इन वर्ल्ड फेयर का आयोजन किया गया था। इसके मुख्य द्वार के लिए एक बड़ा व भव्य टावर बनाने का प्लान किया गया था। जिसको बाद में तोड़ दिया जाना था। हालांकि यह पहले से तय था की 1909 में इसे नष्ट करने के बारे में सोचा गया। लेकिन तब तक तो यहां लोगों और सरकार के दिलों में अपनी जगह बना चुका था। यही वजह है कि इससे एक बड़े रेडियो एंटीना की तरफ से होगी करने का फैसला किया गया। आज यही टाॅवर पेरिस की पहचान है।
ये विश्व के सबसे बड़े म्यूजियमों में से एक हैं। फिलिप द्वितीय ने 12 वीं सदी में इसका निर्माण एक किले के रूप में करवाया था। तथा कई राजाओं ने इसे अपना निवास स्थान भी बनाया। इसके अनेक स्वरूप तथा नाम बदलते हुए 10 अगस्त 1793 को पहली बार 573 पेंटिंग्स व 184 कलाकृतियों के साथ इसको म्यूजियम का रूप दिया गया। इसका विस्तार आज के समय में इतना हो गया है कि आप अगर यहां की प्रतीक कलाकृति को सिर्फ 4 सेकंड देख कर ही आगे बढ़ जाए। तो भी आपको पूरा म्यूजियम देखने के लिए 3 महीने का समय लगेगा। यहां पर मोनालिसा, द रौक्स, वर्जिन ऑफ द रौक्स व हम्मूरावी की अचार संहिता जैसी अनेक विश्व प्रसिद्ध कृतियां यहां पर प्रदर्शित है। जिसको देखने के लिए लोग यहां विश्व के कोने-कोने से आते हैं।
फ्रांस की क्रांति जब हुई उस समय वहां लुइ सोलहवें का शासन था। उनकी पत्नी मैरी एंटोनियट को लोग पसंद नहीं करते थे। इसका कारण यह था कि एक तो वह आस्ट्रेलिया के राजपरिवार की बेटी थी, तथा दूसरे बहुत ही फिजूलखर्ची, घमंडी व कुछ हद तक बेवकूफ थी। उस समय जहां पर लोगों के पास रोटी बनाने के लिए आटा नहीं था। वही पर वह करोड़ों रुपए अपनी विलासिता पर खर्च करती रहती थी। जब उन्हें ये बात बताया गया कि उनके राज्य में लोगों के पास खाने के लिए रोटी तक नहीं है, तथा लोग भूखे मर रहे हैं। तो उनका जवाब था उन्हें मरने की क्या जरूरत है? अगर उनके पास रोटी नहीं है तो वह केक क्यों नहीं खा लेते हैं? इसके बाद से जनता को गुस्सा आ गया और वह भड़क गई। तथा जनता ने लुई, मैरी और उनके पूरे परिवार को पकड़कर मार दिया। फिलहाल जिस स्थान पर उनके सिर काटे गए वो कौनकार्ड स्क्वायर के नाम से प्रसिद्ध है। जब पर्यटक पेरिस में जाते हैं तो वह इस स्थान को देखने के लिए जरूर जाते हैं।