cyber crime: आज के इंटरनेट के युग में साइबर क्राइम दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। Cyber Crime करने वाले आम लोगों को चूना लगाने के लिए नए-नए ऑनलाइन तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा ही एक फ्रॉड का तरीका इन दिनों ट्रेंड में चल रहा है। विदेश में रहने वाले लोगों की डिटेल्स को पता करके यह साइबर क्राइम करने वाले उनके रिश्तेदारों को ठग रहे हैं। हाल ही में इस तरीके के कुछ मामले सामने आए है।
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“एक कहावत है बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया” आज के दौर में यह कहावत सही साबित हो रही है। खासकर इंटरनेट के आने के बाद साइबर क्राइम के रूप में लोगों को पैसे का चूना लगाने की वारदात बढ़ते जा रहे हैं। इस समय ये अपराधी दोस्त,और रिश्तेदारों के नाम पर ठगी कर रहे हैं। और बहुत से लोग इस साइबर क्राइम के चपेट में आ चुके हैं। इस समय इस फ्रॉड का एक अपडेटेड वर्जन भी आ चुका है।
ऑनलाइन cyber crime करने वाले स्कैमर खासकर विदेश में रहने वाले लोगों के नाम पर लूट रहे हैं। आपके घर में कौन विदेश रहता है यह सारी डिटेल भी internet के जरिए पता कर ले रहे हैं। और इन्हीं जानकारियों के आधार पर उनके परिचित दोस्त और रिश्तेदारों को चूना लगा रहे हैं। साइबर क्राइम से जुड़े कुछ इस तरीके के मामलों पर आज हम नजर डालते हैं।
चंडीगढ़ पुलिस प्रवक्ता के अनुसार पंचकूला निवासी प्रेम चंद cyber ठगी की प्रॉब्लम को लेकर आए थे। उन्होंने अपनी शिकायत में यह बात बताया कि उनका भतीजा कनाडा में रहकर पढ़ाई कर रहा है। उनकी पत्नी के पास 16 सितंबर को एक uknown नंबर से कॉल आया।
कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को उनका भतीजा बताया और कहा कि मेरा किसी से झगड़ा हो गया है और झगड़े में सामने वाले को गंभीर चोट आई है।अगर मैंने उसका इलाज नहीं करवाया तो मेरे ऊपर पुलिस कार्यवाही हो सकती है।
अपने भतीजे को परेशानी में देख उन्होंने कॉल करने वाले को तीन किस्तों में लगभग 7.5 लाख ऑनलाइन ट्रांसफर किया। बाद में जब उन्हें पता चला कि यह फ्रॉड था और उन्होंने पैसा गलत आदमी को ट्रांसफर कर दिया है। तो उन्होंने 1930 पर शिकायत दर्ज किया जिस पर पुलिस विभाग ने तुरंत कार्यवाही कर अकाउंट को फ्रीज कर ढाई लाख रुपए रिफंड कराया।
क्योंकि यहां के क्षेत्र में ज्यादातर लोग विदेश में रहते हैं या उनके बच्चे भी विदेश में रहकर पढ़ाई करते हैं। यहां के लोगों को साइबर क्राइम का शिकार बनाना आसान हो रहा है। Cyber Crime करने वाले instagram, Facebook, और व्हाट्सएप , और सोशल मीडिया से अपने क्लाइंट के और उसके रिश्तेदारों की इंफॉर्मेशन पता करते हैं। फिर उसके बाद अपराध को अंजाम देते हैं। उपरोक्त घटना पहली नहीं है बल्कि ऐसे कई केस हो चुके हैं।
ऐसा ही एक मामला पंचकूला के रहने वाले व्यक्ति का है। जो Cyber Crime का शिकार हुआ है । उसको भी भतीजे के नाम पर चूना लगाया गया है। इसी तरह एक दूसरा केस कैथल निवासी साहब सिंह का है। जिनको कनाडा से साइबर ठगों ने वकील बनकर फोन किया और उनके रिश्तेदार का पुलिस से झगड़ा बता कर ठगी की। इसमें साहब सिंह इंटरनेट पर अपराधी को 1 लाख भेज दिया था।
बाद में फ्रॉड का पता चलने पर पुलिस विभाग में केस दर्ज हुआ और पुलिस विभाग ने 90 हजार वापस कराया। ऐसा ही एक के सोनीपत के रहने वाले महिला से दोस्ती के नाम पर सवा 2 लाख की ठगी हुई।इसकी शिकायत 1930 पर करने के बाद 1.35 लाख रुपये पुलिस ने बचाए थे।
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अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह बताया है कि मिथकों के निशाने पर वही शख्स है जो किसी डिजिटल माध्यम से जुड़ा हुआ है। फिर चाहे वह सोशल मीडिया हो इंटरनेट बैंकिंग हो या कोई अदर प्लेटफार्म हो। खासतौर से सोशल मीडिया पर एक्टिव लोग इसका ज्यादा शिकार हो रहे हैं।
समय के साथ साथ साइबर क्राइम करने वालों ने अपने तरीके भी बदल दिए हैं। अपराधी पहले सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप इंस्टाग्राम और फेसबुक पर आप से दोस्ती करते हैं। और फिर दोस्ती के नाम पर आपको लाखों का चूना लगा सकते हैं। यह आप से ही आपके परिचित का इंफॉर्मेशन पता कर आप के नाम पर परिचितों को लूट रहे हैं या उनके नाम पर आप को लूट रहे हैं।
तो अब प्रश्न यह उठता है कि इस साइबर क्राइम से बचने का रास्ता क्या है। तो सबसे जरूरी चीज यह है कि अगर आप social media पर ज्यादा एक्टिव हैं । तो अपने एकाउंट्स को लॉक रखें अपने परिवार और परिचितों की जानकारी को सार्वजनिक ना करें।
किसी भी तरीके की uknown नंबर से कॉल आने पर तुरंत निर्णय ना लें। पहले सोच विचार कर फिर कोई अगला कदम उठाएं और अगर कोई कॉल संदिग्ध लगे तो 1930 पर कॉल करके पुलिस विभाग को सूचित करें। इससे आप cyber crime से खुद भी बच सकते हैं और दूसरों को बचा सकते हैं।