दुनिया के तमाम हिस्सों में से पिछले दो महीनों से कोविड-19 के घटते मामलों की खबर सामने आ रही है। कोरोना ने एक बार फिर से इस बीच सिर उठाना शुरू कर दिया है। हाल ही में सामने आए कोरोना के नए वैरिएंट्स ने स्वास्थ्य संगठनों की चिंता और भी बढ़ा दी है। एक बार फिर से चीन के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। हालिया में एक रिपोर्टस के अनुसार चीन के लांझू शहर में बढ़ते संक्रमण को ही देखते हुए लॉकडाउन भी लगा दिया गया है। एक बार फिर से इस आदेश के साथ ही साथ करीब 4 लाख से अधिक लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो चुके हैं। हालांकि हाल ही में कोरोना के सामने आए दो वैरिएंट के वजह से ही चीन सहित कई देशों में हालात फिर से खराब होने लगे हैं। रिपोर्टस के मुताबिक भारत में भी करोना के नए वैरिएंट AZ.4.2 के मामले सामने आने के बाद हलचल बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी मंगलवार को इस वैरिएंट को लेकर चिंता जताई है।
इस पोस्ट में
चीन में संक्रमण के इन बढ़ते मामलों के पीछे का कारण कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट भी बताया जा रहा है। जो कि मूल से भी अधिक खतरनाक है। तथा और भी तेजी से फैलता है। इसके 100 से भी अधिक मामले बीते एक हफ्तों में सामने आए हैं। बताया कि हालात नियंत्रण करने के लिए टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। आने वाले दिनों में जिसके चलते मामलों में इजाफा होने की आशंका है। बढ़ते मामलों के लिए चीन ने विदेश जाने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।
इसके एक दिन पहले ही मंगोलिया के काउंटी एजिन में लॉकडाउन लगाया गया था। वहां की आदि लगभग 35,700 लोगों की है। जो कि घर से बाहर भी नहीं निकल सकते। लोगों को यह चेतावनी दी गई है कि अगर वह आदेश का पालन नहीं करते हैं। तो उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी। इस समय यह काउंटी कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन गया है। नेशनल हेल्थ कमीशन की चेतावनी के बाद से स्थानीय अधिकारियों ने भी वह लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है।
दरअसल हाल ही में भारत में सामने आए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट AY.4.2 ने चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडावरिया ने मंगलवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा की विशेषज्ञों की एक टीम भी नए कोरोना वैरिएंट AY.4.2 ने जांच कर रही हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद तथा एनसीडीसी की टीमें अलग-अलग वेरिएंट का अध्ययन तथा विश्लेषण कर रही हैं। फिलहाल तो भारत में इस मामले अभी काफी कम है।
यूपी में कोरोना कोरोना वायरस के नए वैरिएंट AY.4.2 के बढ़ते केस के बाद से इसके मामले भारत में भी सामने आए हैं। अभी तक के अध्ययनों के आधार पर कोरोना के इस नए रूप को बहुत ही खतरनाक मान रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का ये नया वैरिएंट मूल डाटा वैरिएंट से 10 प्रतिशत अधिक संक्रमण हो सकता है। इस नए वैरिएंट में ऐसे म्यूटेशन देखे गए हैं। जोकि मानव कोशिकाओं में अधिक आसानी से प्रवेश करने में सक्षम है। बहरहाल भारत में इस नए वैरिएंट के मामले 0.1 प्रतिशत से भी कम है।