Corona Virus: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भारत मे कोरोना से हुई मौतों के जारी किए गए आंकड़ों को राहुल गांधी ने सही बताया है । उन्होंने WHO द्वारा दिये गए आंकड़ों के ग्राफिक का फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी सरकार झूठ बोलती है । बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की आपत्तियों के बावजूद एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके अनुसार दुनियाभर में सबसे अधिक भारत मे कोरोना वायरस से मौतें हुईं।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार भारत मे 1 जनवरी 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2021 तक कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या 47 लाख है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ये आंकड़े एक्सेस डेथ /मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर जारी किए हैं जिसपर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है ।
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कांग्रेस के सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना से हुई मौतों पर मोदी सरकार को घेरा है । उन्होंने WHO द्वारा दिये गए इन्फोग्राफिक रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए लिखा- ” कोरोना महामारी से 47 लाख भारतीयों की जान गई। जबकि मोदी सरकार की तरफ से बताया जा रहा है कि सिर्फ 4.8 लाख लोगों की कोरोना महामारी से मृत्यु हुई। विज्ञान झूठ नहीं बोलता बल्कि मोदी जी झूठ बोलते हैं ।”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी ट्वीट में मोदी सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि,” भारत मे जिन परिवारों ने कोरोना महामारी की वजह से अपनों को खोया है उनका सम्मान कीजिये । अपनों को खोने वाले हर परिवार को 4 लाख रुपये की मदद मोदी सरकार द्वारा दी जाए ।”
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के विधानसभा सदस्य कमलनाथ ने भी मोदी सरकार पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं । उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा,” मैं शुरू से ही कहता रहा हूँ कि Corona Virus से देश में लाखों लोगों की मौत हुई है, जबकि भाजपा सरकार लोगों की जान बचाने व सच्चाई स्वीकारने की बजाय आँकड़े दबाने- छिपाने में ही लगी रही। मैंने मध्यप्रदेश को लेकर भी कहा कि यहाँ भी शिवराज सरकार के कुप्रबंधन के कारण मार्च और अप्रैल के महीने में श्मशान और कब्रिस्तानों में 1,27503 लोगों के अंतिम संस्कार हुये ,
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इसमें से अगर 80 फीसदी भी कोरोना से मौतें हुईं हैं तो वो तादाद 1,02000 होती है। सरकार ने मुझे झूठा बताकर मेरे ख़िलाफ़ शिकायतें दर्ज करवा दी। जबकि हमने लोगों को इलाज, बेड ,आक्सीजन ,जीवन रक्षक दवाइयों व इजेक्शन के अभाव में तड़प-तड़प कर दम तोड़ते हुए देखा है। अब तो WHO भी कह रहा है कि भारत में कोविड से सबसे ज़्यादा मौतें हुई है और सरकारी आँकड़े से 10 गुना ज़्यादा मौतें हुई है और मौतों का आँकड़ा 47 लाख से भी ज़्यादा है।
इसी से समझा जा सकता है कि भाजपा सरकार किस प्रकार झूठ परोसती रही , झूठे आँकड़े परोसती रही। उसकी किसी भी घोषित योजना का लाभ पीड़ित परिवारों को नही मिला। अब सच्चाई सामने है। जिन लोगों ने अपनो को खोया है वो भाजपा सरकार को कभी माफ़ नही करेंगे।” बता दें कि उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने बीती रात सिलसिलेवार किये गए कई ट्वीट्स के जरिये कही हैं ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिये गए Corona Virus महामारी से भारत मे हुई मौतों के आंकड़ों पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है । भारत सरकार ने इस पर अपना विरोध दर्ज करवा दिया है और विभिन्न स्रोतों से भी इन आंकड़ों के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी । बता दें कि जहाँ WHO भारत मे बीते 2 सालों में (1 जनवरी 2020- 31 दिसंबर 2021) 47 लाख लोगों के मरने की बात कह रहा वहीं भारत सरकार के मुताबिक कोरोना से अब तक सिर्फ 5.2 लाख मौतें हुईं हैं ।
भारत सरकार के अनुसार WHO जिस फार्मूले के अनुसार मौतों की गिनती कर रहा वह सही और तथ्यपरक नहीं है । ज्ञात हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना से मौतों के आंकड़े निकालने के लिए मैथमेटिकल मॉडल या एक्सेस डेथ का फार्मूला अपनाया है जिसे भारत सरकार सही नहीं मान रही ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जो आंकड़े दिए हैं वह मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर तैयार किये गए हैं । इसके अनुसार Corona Virus महामारी से प्रभावित राज्य में जितनी मौतें हुई हैं वह सामान्य (जब कोरोना नहीं था ) से कितनी अधिक हैं उस आधार पर आंकड़े निकाले गए हैं ।
इस मॉडल के अनुसार Corona Virus महामारी के आने से पहले सामान्यतः जितनी मौतें किसी राज्य या जिले में होती हैं उनको अलग करके Corona Virus महामारी के दौरान जितनी अधिक मौतें हुईं उनको कोविड-19 से हुई मौतें ही मान लिया गया है । भारत सरकार ने इस तरह के आंकड़ों को तथ्यपरक नहीं माना है । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी WHO के आंकड़ों को सही नहीं माना है ।
नीति आयोग के सदस्य वीके पाल ने WHO द्वारा दिये गए आंकड़ों को भृमात्मक ठहराते हुए कहा कि ये आंकड़े संगठन ने सिर्फ अनुमान के आधार पर तैयार किये हैं जबकि वास्तविकता ऐसी नहीं है । कुछ ऐसा ही एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया भी कहते हैं । उन्होंने भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जिस प्रक्रिया से आंकड़े इकट्ठे किये गए उसे सही नहीं माना है । एम्स निदेशक के अनुसार,
“भारत मे जन्म- मृत्यु दर्ज करने का एक व्यवस्थित तरीका है जिसमें आंकड़े अलग अलग दर्ज किए जाते हैं । कोविड के अलावा जिस वजह से व्यक्ति की मृत्यु हुई सबके अलग अलग आंकड़े इकट्ठे किये जाते हैं जबकि जिस तरीके से WHO ने आंकड़े जुटाए हैं वह तरीका सही नहीं है ।” भारत सरकार ने आरोप लगाया कि WHO ने मनमाने तरीके से आंकड़े तैयार किये हैं । उसने जिन 17 राज्यों में ये मौतें होने की बात कही है उनके नाम भी नहीं बताए और मनमाने तरीके से आंकड़े बना लिए।
विश्व मे स्वास्थ्य के प्रति सबसे बड़े संगठन WHO के प्रमुख टेडरॉस एडनाम घेब्रियस ने कहा कि ,”यह आंकड़ा( भारत मे 47 लाख मौतें होने का) न सिर्फ महामारी की भयावहता को दर्शाता है बल्कि हमे आगाह भी करता है कि हम अपने स्वास्थ्य ढांचों को और मजबूत करें।” WHO के अनुसार अगस्त 2020 तक जब भारत मे सख्त लॉक डाउन लगा था
Corona Virus तब कम मौतें दर्ज की गईं तब सिर्फ 62 हजार लोगों की मृत्यु हुई जबकि सितंबर से जब लॉक डाउन में ढील दी गयी तब मौतों का आंकड़ा बढ़ने लगा और कोरोना की पहली लहर जो कि अप्रैल, मई , जून में चरम पर थी तब भारत मे मौतों का आंकड़ा 27 लाख जा पहुंचा । WHO के अनुसार दुनियाभर में KOVID-19 से 1.5 करोड़ मौतें हुईं जबकि भारत मे इसकी करीब 1/3 यानि 47 लाख लोगों की कोविड 19 से मृत्यु हुई। हालांकि भारत सरकार ने यहां के आंकडों को सही नही माना है और आपत्ति दर्ज करवाई जा रही है ।