Controversial Statement of Raj Thackeray: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ के पुल बांध दिए थे। वहीं उन्होंने लाउडस्पीकर पर हो रहे अजान की आलोचना की थी। राज ठाकरे के इस विवादित बयान को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने राज ठाकरे के इस विवादित बयान पर टिप्पणी की है। संजय राउत ने राज ठाकरे की बात का मुंह तोड जवाब देते हुए कह दिया कि बीजेपी और शिवसेना में जो भी हुआ वह हम दो पार्टियों के बीच की बात है।
इस पोस्ट में
शिवाजी पार्क में मनसे प्रमुख राज ठाकरे के कार्यक्रम पर कटाक्ष करते हुए संजय राऊत ने कहा, ‘लोगों ने सोचा यह भाजपा का कार्यक्रम था…’ उन्होंने राज ठाकरे की मस्जिदों में लाउडस्पीकर हटाने की टिप्पणी पर कहा कि महाराष्ट्र में देश का कानून कायम है। कि, “लोगों ने सोचा कि राज ठाकरे का कार्यक्रम भाजपा का ही कार्यक्रम था। महाराष्ट्र में कानून का राज चलता है। और गृह मंत्री यहां सब कुछ कानून के अनुसार ही करेंगे।
राज ठाकरे को अब निकाय चुनाव के नतीजों के बाद ही उद्धव ठाकरे का ढ़ाई साल का मुख्यमंत्री पद वाले वादे की याद आ गई है। इनकी अकल बहुत देर बाद खुली है। भाजपा और शिवसेना में क्या हुआ था है वो हम दोनों ही देख लेंगे। हमें तीसरे की दखल अंदाजी की ज़रूरत नही है।”
संजय राउत ने आगे भी कहा कि, “राज ठाकरे कल मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों को हटा देने की बात कर रहे थे। तो पहले देखिए कौन से बीजेपी शासित राज्यों में स्पीकर पर अजान बंद हो गई है, या फिर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं? यह महाराष्ट्र है और यहां तो कानून का ही पालन किया जाता है।”
Controversial Statement of Raj Thackeray एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी राज ठाकरे पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे कहीं-कहीं महीनों तक गायब रहते हैं, कभी भी एक मुद्दे पर नहीं दिख नहीं है उनकी सबसे बड़ी खासियत है। साथ ही एनसीपी पर जाति की राजनीति करने के राज ठाकरे के आरोप को खारिज करते हुए पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मनसे अध्यक्ष कभी भी किसी भी मुद्दे पर अपनी एक राय नहीं रखते हैं और साल में तीन से चार महीने ‘‘सुषुप्त अवस्था’’ में ही रहते हैं, जो उनकी ‘‘ सबसे बडी खासियत’’ है।
शरद पवार ने आगे कहा कि राज ठाकरे को टिप्पणी करने से पहले एनसीपी का इतिहास जान लेना चाहिए। शरद पवार ने कहा कि मनसे नेता बातें तो बहुत करते हैं मगर उस बाद वह कहीं पर खो जाते हैं कि जिससे उनका मिलना ही नामुमकिन हो जाता है। वो एनसीपी और जाति की राजनीति के बारे में बात करते हैं। तो उन्हें यह असलियत जान लेनी चाहिए कि छगन भुजबल और मधुकरराव पिचड समेत अन्य नेताओं ने सदन में एनसीपी के नेता के तौर पर काम किया है। यह सभी नेता कौन सी जाति से आते हैं यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है।
कई सौ करोड़ का स्टेडियम तो बना लेकिन कभी कोई मैच नहीं हुआ,देखिए
छोटा बच्चा समझ के हमको ना समझाना रे ! ट्रैफिक जाम की शिकायत लेकर 6 साल का बच्चा पहुंचा थाने
Controversial Statement of Raj Thackeray पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने आगे यह भी कहा कि ने उनके भतीजे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार विधानसभा में 30 साल पूरे करने के बाद ही सदन के नेता बने हैं। उस राज ठाकरे के उत्तर प्रदेश की तारीफों के पुल बांधने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि वह ( राज ठाकरे) किसी भी चीज के बारे में बात कर सकते हैं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में क्या विकास देख लिया? उत्तर प्रदेश में हाल में क्या हुआ है?
Controversial Statement of Raj Thackeray उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजे अलग वजहों से अलग थे। लेकिन लखीमपुर खीरी में उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर जब किसान प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन कोई भी उनके मुद्दे को हल करने आगे नहीं आया। योगी सरकार के शासन काल में कई चीजें हुई और अगर राज ठाकरे सरकार की तारीफ कर रहे हैं तो मैं कुछ भी नहीं कहना चाहता। आगे यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या राज ठाकरे महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर बीजेपी के अनुसार अपनी पार्टी का रुख पेश करने का प्रयत्न कर रहे हैं, इस पर पवार ने पिछले चुनावों में मनसे के खराब प्रदर्शन का हवाला दिया था।