Medicine: 800 से अधिक दवाइयों की कीमत नियंत्रित मोदी

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Medicine: आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने कैंसर टीवी डायबिटीज व दिल आदि से जुड़ी बीमारी के इलाज के लिए आवश्यक 800 से अधिक दवाओं की कीमत को नियंत्रित किया और साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि स्टंट और घुटना प्रत्यारोपण की कीमत भी काबू में रहे।

उन्होंने आगे बताया इस औषधि केंद्रों से करोड़ों गरीब व मध्यम वर्ग के परिवारों को काफी फायदा हुआ है क्योंकि सरकार ने कम कीमतों में महंगी से महंगी दवाइयों को उपलब्ध कराया है इतना ही नहीं इससे केंद्रों को भी करोड़ों रुपए की बचत हुई है।

औषधि केंद्रों से हुई 13000 करोड़ की बचत

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आपको बता दें सरकार ने औषधि केंद्रों को किफायती दरों पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए बनाया है तथा इन केंद्रों के द्वारा लगभग 13000 करोड़ की बचत हुई है जो कि इससे बड़े स्तर पर पहले नहीं हुई थी यह हमारे लिए एक अच्छा संकेत है।

लाभार्थियों से की बात

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पीएम ने जन औषधि दिवस पर जन औषधि परियोजना के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत की और योजना के बारे में फीडबैक लिया औषधि केंद्रों में दवाओं की कीमतों के लेकर लोगों की आशंकाओं को कम किया ऐसे में लोग सरकार का सहयोग कर रहे हैं जिससे हम और भी अच्छी तरह काम कर पा रहे हैं

8500 से अधिक जन औषधि केंद्र

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जनता को किफायती दरों में दवाई की उपलब्धता के लिए सरकार ने देश भर में लगभग 8500 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले हैं जिससे गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को लाभ मिलना है और वह गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज कराने में सक्षम हो रहे।

वैक्सीन पर तीस हजार करोड़ खर्च

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्य देशों में लोगों का कोरोना वैक्सीन के लिए हजारों रुपए देने पड़ रहे हैं जबकि भारत में किसी भी नागरिक से पैसा नहीं लिया गया उन्हें निशुल्क टीकाकरण किया गया सरकार ने वैक्सीनेशन पर कुल 30000 करोड रुपए खर्च किए हैं तथा 21 करोड़ सेनेटरी नैपकिन की बिक्री दिखाती है कि केंद्रों ने महिलाओं की जिंदगी भी सुगम बना दिया है।

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निजी मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटों पर शुल्क सरकारी कॉलेजों की तरह

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सरकार ने कुछ दिनों पहले गरीब एवं मध्यम वर्गीय बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया था कि निजी मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर शुल्क सरकारी मेडिकल कॉलेजों की भांति लिया जाएगा जिससे छात्रों के करीब पच्चीस सौ करोड़ रुपए बचेंगे जो कि छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है।

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