INS Vikrant: भारतीय नौसेना के पहले स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत पर एके-630 सीआईडब्ल्यूएस गन तैनात कर दी गई है। ये जानकारी नहीं मिली है कि कितनी गन लगाई गई है। लेकिन इतना तो तय है कि इसके लगने से युद्धपोत की सुरक्षा बढ़ गई है। चूंकि पहले ही ये जानकारी मिल रही थी कि विक्रांत पर चार ऐसी गन्स लगाई जाएंगी।
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आईएनएस विक्रांत पर कई अन्य प्रकार के हथियार भी तैनात किए गए हैं। AK 630 CIWS Gun एक close-in वेपन सिस्टम है। ये एक खास तरह की रोटरी यानी घूमने वाली तोप होती है। जो दुश्मन के टारगेट की दिशा में घूमते हुए उस पर गोलियां बरसाती हैं। इस तोप का वजन लगभग 1800 किलोग्राम होता है। ये ऑटोमैटिक होती है। इसकी बैरल यानी की नली 57 से 64 इंच हो सकती है।
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हालांकि इसको चलाने के लिए सिर्फ एक आदमी की जरूरत होती है। ये चारों दिशाओं में किसी भी एंगल पर घूमकर दुश्मन टारगेट पर हमला कर सकती हैं। चूंकि इसकी फायरिंग रेंज 4000 राउंड्स प्रति मिनट से लेकर 10,000 राउंड्स प्रति मिनट है। रेंज 4000 से 5000 मीटर यानी कि 4 से 5 किमी होती है। टारगेट जैसे ही इसकी रेंज में आता है ये खुद ही फायरिंग शुरू कर देता है। इसकी गोलियों के लिए इसमें बेल्ट लगाई जाती है। यह बेल्ट 1000 राउंड से लेकर 4000 राउंड तक होती है।
बता दें कि भारत सरकार ने इसके लिए स्वदेशी गोलियों का निर्माण किया है। यह गोलियां 30 मिली मीटर की होती है। इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव लिमिटेड के सीएमडी सत्यनारायण नुवाल ने यह बताया कि हमने भारतीय नौसेना को इन गोलियों की पहली खेप भेज दी है। हालांकि इन गोलियों को लेकर नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडिमिरल एसएन घोरमडे ने यह बताया कि देश में बनी गोलियों से विदेशी गोलियां मांगने पर खर्च बचेगा। ये भारत की निजी रक्षा कंपनियों के लिए बड़ी Achievement है।