Congress Rebel G-21 Leaders Meeting: कांग्रेस के बागी G-21 नेताओं की बैठक बुधवार देर शाम वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के दिल्ली स्थित 5 साउथ एवेन्यू आवास पर सम्पन्न हुई।कहने को यह “डिनर आयोजन” था किंतु सूत्रों की मानें तो कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। 5 राज्यों में
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Congress Rebel G-21 Leaders Meeting बुधवार देर शाम हुई बैठक के बाद बाहर निकलते हुए कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने बयान देने से परहेज किया।हालांकि विवेक तन्खा ने मीडिया से कहा कि 2024 में होने वाले आम चुनाव में कांग्रेस को समान विचार धारा वाले दलों से गठबंधन करना चाहिए ताकि भाजपा से मुकाबला किया जा सके।
गुलाम नबी आजाद के घर हुई बैठक में कपिल सिब्बल, शशि थरूर, विवेक तन्खा,अखिलेश प्रताप सिंह,मणिशंकर अय्यर, मनीष तिवारी आदि मौजूद रहे।
सूत्रों की मानें तो इस बैठक से कुछ नतीजे निकल कर सामने आ रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के बागी नेताओं का मानना है कि जब तक कांग्रेस से उन्हें बाहर नहीं किया जाता वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे।इसके अलावा बागी नेताओं का यह भी कहना है कि वह पार्टी में सुधार हेतु सुझाव देते रहेंगे।
Congress Rebel G-21 Leaders Meeting ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित 5 राज्यों में कांग्रेस की शर्मनाक हार पर मंथन के लिए कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई थी जिसकी समीक्षा हेतु सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे।समीक्षा बैठक में सोनिया गांधी ने चुनावी राज्यों में हुई हार पर मंथन करते हुए पांचों प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा लेने का निर्णय किया था।साथ ही हार की समीक्षा के लिए पर्यवेक्षक भी तैनात किए थे जिनमें अजय मांकन को पंजाब, रजनी पाटिल को गोवा, जयराम रमेश को मणिपुर, जितेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश और अविनाश पाण्डे को उत्तराखंड की जिम्मेदारी दी गयी थी।
कपिल सिब्बल के दिए गए “गांधी परिवार के साइड होकर दूसरे नेताओं को मौका दिए जाने “वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सिब्बल अच्छे वकील भले ही हों लेकिन अच्छे नेता नहीं हैं।उन्होंने आगे कहा कि सिब्बल कांग्रेस को कमजोर करना चाहते हैं।
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ज्ञात हो कि बुधवार देर शाम हुई बैठक G-21 नेताओं की दूसरी बैठक थी।इससे पहले 11 फरवरी को गुलाम नबी आजाद के ही घर पर बैठक हुई थी जिसमे कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी मौजूद रहे थे।सूत्रों का मानना था कि उस बैठक में पार्टी अध्यक्ष की मांग की गई थी।