CM Yogi Adityanath ने शुक्रवार को लगातार दूसरी बार यूपी के सीएम पद की शपथ लेने के चंद घंटों बाद अपने नवगठित मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ पहली बैठक की। राज्य सरकार की एक प्रवक्ता ने यह बताया कि योगी आदित्यनाथ ने यहां लोकसभा में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ अपनी पहली बैठक में यह कहां की मंत्रियों को जनता तथा विदेश की सेवा करने के लिए पुनीत अवसर मिला है। इसी अवसर को उपलब्ध में बदलते हुए प्रदेश के विकास तथा जनता की खुशहाली के लिए हम सभी को निरंतर प्रयासरत रहना होगा।
जबकि मंत्री समय से पहले ही अपने कार्यालय में उपस्थित होकर कार्यो निस्तारण करें। हालांकि सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रियों के कार्य, व्यवहार तथा आचरण पर सभी की नजर होती है।
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CM Yogi Adityanath ने यह कहा कि ऐसी स्थिति में सभी मन की सादगी तथा सुचिता का उदाहरण पेश करें। उनके सार्वजनिक जीवन से जुड़े दायित्व तथा कार्यों में परिवार का किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही मंत्री अपने निजी स्टाफ पर भी विशेष ध्यान देते हुए उनकी गतिविधियों पर नजर रखें। सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता तथा ईमानदारी बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कार्यों को नीति तथा नियमों के पूरा किए जाने पर जोर दिया। हालांकि फाइलों का निस्तारण समय बद्ध तरीके से किया जाना चाहिए तथा किसी भी स्थिति में पथराव दिया लंबित नहीं रही जाए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते मंत्रियों का जनता के साथ प्रभावी संपर्क तथा संवाद होना चाहिए। जनता की शिकायतों तथा समस्याओं के समाधान के लिए नियमित जन सुनवाई की जाए।
यहां तक कि राज्यपाल के साथ मंत्रिमंडल की बैठक प्रस्तावित की जाए। प्रदेश के विकास को नई गति प्रदान करने के लिए आईआईएम लखनऊ में मंत्रिमंडल के सदस्यों के लिए विशेष कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाए। योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को निर्देश दिया है कि विकास कार्यो की समीक्षा के साथ ही भौतिक सत्यापन करते हुए जनता से इसके संबंध में फीडबैक भी जरूर लें।
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CM Yogi Adityanath को मिलाकर 53 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री योगी के अलावा 18 कैबिनेट मंत्रियों, 14 राज्य मंत्रियों तथा 20 राज्य मंत्रियों को भी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शपथ दिलाई। योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल में ऊंची जातियों के साथ ही साथ पिछड़े वर्ग की अति पिछड़ी जातियों को खास स्थान दिया है। मुस्लिम तथा सिख को भी जगह दी है।
योगी आदित्यनाथ सरकार के 2.0 के मंत्रिमंडल को अगर जातीय समीकरण के लिहाजा से देखते हैं तो कैबिनेट में योगी आदित्यनाथ समेत 21 स्वर्ण समुदाय को जगह मिली है। तथा 20 ओबीसी जातियों के नेताओं को मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा भी दलित समुदाय के भी 9 मंत्री बनाए गए हैं। तो वहीं पर एक मुस्लिम, एक पंजाबी और एक सिख को भी जगह मिली है। इसके अलावा भी यादव समुदाय को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।