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उत्तराखंड की राजधानी Dehradun में सिटी बसें बंद, छात्र हुए परेशान

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Dehradun: उत्तराखंड की सुंदर राजधानी देहरादून में चलने वाली पैंतीस सिटी बसों को बंद करने का निर्णय प्रशासन ने लिया है।जिससे खास तौर पर स्कूल -कॉलेज जाने वाले छात्र, नौकरी पर जाने वाले करने युवा काफी परेशान हो रहे हैं. बसें न होने से उनपर महंगे किराए का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. दरअसल इस रूट पर कई स्कूल- कॉलेज और प्राइवेट ऑफिस हैं. बसें बंद होने से रोज सफर करने वाले छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जानिए सिटी बस संघ के अध्यक्ष ने क्या कहा

सिटी बस महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डानडरियाल ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने तीन रूटों की करीब पैंतीस सिटी बसों का संचालन बंद करने के आदेश दिया था. जिसके बाद 26 अगस्त को आरटीओ ने इन सिटी बसों के परमिट रद्द कर दिया था। तभी से लेकर अब तक इन रूटों के यात्री बेहद परेशान हो गए हैं. खास तौर पर रोजाना सफर करने वाले लोग जिनमें स्कूल-कॉलेज के छात्र और नौकरी करने वाले लोग भी शामिल हैं. बसें बंद होने से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई और नौकरीपेशा लोगों के रोजगार पर भी खतरा मंडरा गया है।

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जानिए RTO ने क्या कहा

सिटी बस महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डॉनडरियाल ने आरोप लगाया और कहा कि इन बसों को गलत परमिट दिए गए थे. जिस पर उन्होंने याचिका दाखिल की और हाई कोर्ट में इन पर स्टे लगा दिया। RTO दिनेश पठाई ने जानकारी दी है कि आमजन की समस्याओं को देखते हुए परिवहनमंत्री चंदन रामदास की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने के आदेश है. Motor Vehicle Act के तहत यदि कोई मौसमी कारोबार या कोई भी आकस्मिक आवश्यकता पड़ती है तो इसके अंतर्गत टेंपररी परमिट जारी किए जा सकते हैं. अब विभाग ही इसमें तय करेगा कि किस नियम के अंतर्गत इसे पूरा करना है।

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जानिए बस चालक क्या बोले

Dehradun सिटी बस संचालकों का कहना है कि अगर सरकार चाहती है कि शहर में सिटी बसें चलें तो सबसे पहले सरकार टैक्स और इंश्योरेंस को कम करें. इसके साथ ही सिटी बस संचालकों ने ये भी कहा कि उत्तराखंड परिवहन की बसें भी नहीं चल रही हैं तो ऐसे में वो ऋषिकेश,मसूरी और हरिद्वार में बसों को चलाने के लिए भी तैयार हैं। क्योंकि पूरे कोरोना के दौरान उनकी बसें पूरे राज्य में चल रहीं थीं।इसलिए कोई दिक्कत नहीं होगी।

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