अक्सर हम बीजेपी नेताओं को स्वयं को देश प्रेम और राष्ट्रवाद का खिताब देते देखते सुनते है लेकिन जब उनके फायदे का सवाल आता है तो अपने राष्ट्रवाद से समझौता कर लेते हैं और देश प्रेम छूमंतर हो जाता है।
गलवान घाटी में हमारे 20 जवान शहीद हुए थे और चीनी सैनिक हमारे देश की सीमा के अंदर तक घुस आए थे। तो हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बॉर्डर पर जाकर कई किलोमीटर दूर से दुश्मनों को ललकारा था।दुश्मन शब्द इसलिए प्रयोग किया है कि आज तक पता नहीं चला कि मोदी जी किस दुश्मन को ललकार रहे थे क्योंकि जहां मोदी जी ललकार रहे थे वहां अपने जांबाज जवानों के अलावा दूर-दूर तक कोई नहीं था और किसी का नाम भी नहीं लिया था खैर, एक तरफ तो गलवान घाटी में शहीद हुए किसानों को 26 जनवरी 2021 को सम्मानित किया जाना है और दूसरी तरफ चीनी कंपनी- शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी (एसटीईसी) को दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का ठेका, जो 5.6 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाएगी, दे दिया।
जो की बहुत ही निंदनीय है गलवान शहीदों की आत्मा कभी माफ नहीं करेगी। बीजेपी सरकार गलवान में शहीदों को सम्मान देकर उन्हें अपमानित करने का काम कर रही है।यह है हमारी सरकार का दोगला व्यवहार यही नजर आ जाता है बीजेपी का सावरकरी देश प्रेम जिस प्रकार सावरकर ने जीवन बचाने के लिए अंग्रेजों से समझौता कर लिया था उसी प्रकार भाजपा सरकार ने थोड़े फायदे के चलते देश प्रेम और फौजियों की शहादत से समझौता कर लिया है।