अंधविश्वास : काला जादू के भरोसे भगाया जा रहा कोरोना।
कोरोना काल में कई छुपी हुई तस्वीर निकल कर सामने आ रही हैं। देश के गांव में कोरोना महामारी से बचने के लिए कुछ अजीबोगरीब अवैज्ञानिक ,अंधविश्वासी काला जादू उपाय करते हुए लोगों की तस्वीरें सामने आ रही हैं। गांव की औरतें नदियों के किनारे , मंदिरों पर ,वृक्षों के चारों ओर पूजा अर्चना करते हुए कोरोना गमन की प्रार्थना कर रही हैं। गांव के कोरोना की आरती करते हुए कोरोना महामारी के शांत होने की कामना कर रहे हैं। और कोरोना महामारी के शांत होने की प्रार्थना में गांव के लोग कोरोना माता की आरती गा रहे है। 21 वी सदी के भारत में कोरोना महामारी ने तांडव मचा रखा है इस संकटकाल में देश की जनता को बहुत कुछ सहन करना पड़ा है लेकिन इस विपत्ति के समय में देश की स्थिति का वास्तविक बोध हो गया है।
काला जादू
आगरा बासी विनोद शर्मा ने तो अपना ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने के लिए पीपल के वृक्ष पर ही अपने खटिया रख ली और अब उनका दिन का 4 से 5 घंटे पीपल के वृक्ष पर ही बीतता हैं। हालांकि कोरोना से पीड़ित हो जाने वाले व्यक्ति के फेफड़े वातावरण से ऑक्सीजन नहीं खींच पाते हैं इसलिए ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है। कोरोना से पीड़ित मरीज को अगर पीपल के वृक्ष पर बैठा दिया जाए तो पीपल वाली ऑक्सीजन का कोरोना पीड़ित व्यक्ति पर कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि पीड़ित व्यक्ति के फेफड़े ऑक्सीजन को अंदर ही नहीं खींच पाते हैं।
बीजेपी से जुड़े लोगों ने रायबरेली ,सहारनपुर फिरोजाबाद ,मुरादाबाद ,बहराइच ,हापुड़ में मेरठ चंदौली में हवन यज्ञ किया है। काश यह लोग समझ पाते की हम पेड़ लगाकर और यज्ञ करके वातावरण को शुद्ध तो कर सकते हैं लेकिन जब फेफड़े ही काम ना कर रहे हो तो फिर इस प्राणवायु ऑक्सीजन को शरीर के अंदर कैसे ले जाएंगे।
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यह बात इसलिए चिंताजनक है कि पूजा -अर्चना, काला जादू या फिर पीपल के वृक्ष पर बैठकर ऑक्सीजन लेने के लिए लोग भीड़ में इकट्ठे हो रहे हैं, जो की बहुत ही खतरनाक है। और इस भीड़ में अधिकतर लोग कोरोना से बचने के निर्देशों( मास्क लगाना 1 मीटर की दूरी बनाए रखना) का पालन नहीं कर रहे हैं।
गांव में अंधविश्वास की वजह से काला जादू। हमारी सरकार को, समाज को और हमें मिलकर शिक्षा के मुद्दे पर पुरजोर कोशिश करनी चाहिए। उस नेता को कभी भी वोट देना नहीं चाहिए जो अपने चुनावी मुद्दों में शिक्षा को शामिल ना करता हो। काला जादू या और भी किसी प्रकार के अंधविश्वास से कोरोना को ठीक करने की कोशिश में गलती गांव के अशिक्षित जनता की नहीं , बल्कि उन लोगों की है जिन्हें जनता के अशिक्षित होने का फायदा मिलता है। इसलिए जनता को शिक्षित नहीं होने देना चाहता। शिक्षित होने से अंधविश्वास उसी प्रकार हट जाता है जिस प्रकार मोमबत्ती के जल जाने से अंधकार मिट जाता है। अशिक्षित नेता को कभी भी वोट नहीं देना चाहिए। खासकर ऐसे नेता को तो बिल्कुल भी नहीं जो हवन करके यह गाना गाकर कोरोना को भगाने की कोशिश करता है क्योंकि जो खुद शिक्षा का महत्व नहीं जानता वह जनता को शिक्षा का महत्व कैसे बताएगा।