Asaduddin Owaisi: जाने माने मुस्लिम नेता ओवैसी एक बार फिर चर्चा का विषय बने हुये हैं। अपने एक बयान के बाद से वह सोशल मीडिया पर छाये हुये हैं। लोग उनकी किरकिरी बना रहे हैं। और कई तरह के वाद प्रतिवाद शुरू हो गए हैं। क्या है, विवाद की वजह ,आगे समझिये।
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आपको पता होगा कि विगत दिवस रामनवमी थी, रामनवमी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने जगह जगह पर राम की शोभायात्रा निकाली थी। इस शोभा यात्रा पर कई जगह पर कुछ लोगों ने हमला कर पथराव किया था। और यहीं से इस विवाद की शुरुवात हुई थी।
दंगाइयों को पहचानकर प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुये उन सबके घरों में बुलडोजर चलवा दिया और बुलडोजर चलते ही हर तरफ तहलका मचा गया और तमाम नेता मीडिया पर उछल कूद मचाने लगे। इसी क्रम में ओवैसी ने भी अपना बेतुका बयान दिया। जिस पर जंग छिड़ गई।
आपको बता दें, कि ANI ने ट्वीट करते हुए ओवैसी के बयान को कोट करते हुये बताया कि ओवैसी दंगाइयों के घर बुलडोजर चलने को जिनेवा समझौते का उल्लंघन है। इसी बात को लेकर सोशल मीडिया पर किरकिरी फैल गयी और वाद प्रतिवाद शुरू हो गया।
यूजर ओवैसी को ट्रोल करते हुये, सवाल पूंछ रहे हैं। कि अगर दंगाइयों के घर पर बुलडोजर चलाना जिनेवा समझौते का उल्लंघन है। तो क्या जिनेवा समझौते में कहीं पर पत्थरबाजी को अनुमति दी गयी है। इसी तरह के और भी तमाम सवाल ओवैसी पर दागे जा रहे हैं। हालांकि, ओवैसी की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।
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आपको बता दें, कि दंगाइयों की सम्पत्ति पर बुलडोजर चलाकर बुल्डोजर क्रांति लाने का कार्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है। परंतु अब इस रास्ते पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चल रहे हैं। और दंगाइयों के घर लगातार मिट्टी में मिल रहे हैं।